हनुमाननगर प्रखंड के पटोरी पंचायत (Ground report from Hanuman Nagar) में चुनावी हलचल चरम पर है। गांव की हर गलियों व मुख्य सड़क के किनारे जिला परिषद सदस्य, मुखिया, सरपंच,पंचायत समिति, वार्ड मेंबर व पंच के बैनर व पोस्टर लग चुके हैं।
पांच सालों का देना होगा हिसाब
प्रचार वाहनों से प्रत्याशियों के जिन्दाबाद के नारे गूंज रहे हैं। यह प्रखंड का एकमात्र पंचायत है जहां मुखिया पद के लिए सबसे कम 2 प्रत्याशी चुनाव मैदान में है। यहां नौजवान समर्थक ग्रुप बनाकर सोशल मीडिया के माध्यम से ऑनलाइन प्रचार कर रहे हैं। लेकिन वोटर निवर्तमान जनप्रतिनिधि से पांच साल में होने वाले कार्यों का हिसाब मांग रहे हैं।
इस पंचायत में सबसे बड़ा मुद्दा गत वर्ष 18 जुलाई को 1 करोड़ 31 लाख 41 हजार 800 रुपए की लागत से बनने वाले पंचायत सरकार भवन के शिलान्यास को लेकर है। वोटर्स प्रधानमंत्री आवास, शौचालय, गली नाली पक्कीकरण, स्वास्थ्य उपकेन्द्र व राशनकार्ड को भी इस बार चुनावी मुद्दा बनाया है।
गांव के चौक चौराहों पर शतरंज के चाल की तरह राजनीतिक बिसात बिछाने की हर संभव कोशिश की जा रही है।लोकसभा व विधानसभा चुनाव के समय महागठबंधन व एनडीए को समर्थन देने वाले मुखिया को भी पिछले दरवाजे से पार्टी स्तर से सपोर्ट करने की बात चल रही है।
इस पंचायत में कुल 14 वार्ड हैं।मतदाताओं की कुल संख्या 7226 है,जिसमें 3801 पुरुष व 3425 महिला वोटर्स हैं।यहां से मुखिया के एक पद के लिए 2,सरपंच के एक पद के लिए 3,पंचायत समिति के एक पद के लिए 4 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। वार्ड मेंबर के 14 सीटों के विरुद्ध 46 उम्मीदवार अपना भाग्य आजमा रहे हैं।
आमने सामने कांटे की टक्कर
वहीं, वार्ड पंच के 14 सीटों में से 5 निर्विरोध है। शेष 9 सीटों के लिए 19 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं। मुखिया व सरपंच का सीट अनारक्षित है जबकि पंचायत समिति का सीट अतिपिछड़ा जाति के लिए आरक्षित है।
सबकी निगाहें मुखिया पद के प्रत्याशियों पर टिकी है। इस सीट के लिए आमने सामने कांटे की टक्कर है। जिला परिषद सदस्य सीट के लिए भी यहां के लोग क्षेत्रीय प्रत्याशी को तरजीह देने के साथ साथ क्षेत्र से बाहर के उम्मीदवार को सिरे से खारिज कर रहे हैं। पंचायत समिति सदस्य व सरपंच पद को लेकर वोटरों के बीच खासतौर पर चर्चा सुनी जा रही है।
आक्रोश झेलिए, चुनाव लड़िए
लोगों के मन में सबसे अधिक आक्रोश हर घर तक पक्की सड़क व नाली के लिए सरकार की ओर से संचालित गली-नाली पक्कीकरण योजना, शौचालय, हर घर नल का जल व प्रधानमंत्री आवास योजना में धांधली को लेकर है।निवर्तमान जनप्रतिनिधियों से इन सब बातों के लिए इस पंचायत के लोग खासे नाराज हैं।यही नहीं,यहां का स्वास्थ्य व्यवस्था खस्ताहाल है।यह स्वास्थ्य उपकेन्द्र भी पुराने पंचायत भवन के एक छोटे से कमरे में संचालित हो रहा है।इन केन्द्रों पर कोई भी डॉक्टर या कर्मी नहीं आते हैं।
वार्ड मेंबर चुनाव में दिख रही खासी रूचि
मुख्यमंत्री के सात निश्चय के तहत संचालित योजनाओं को लेकर वार्ड मेंबर के लिए चुनाव लड़ने में लोग काफी दिलचस्पी ले रहे हैं। इस बार के मुखिया उम्मीदवार भी अपने अपने लोगों को हर तरह से मदद देकर वार्ड मेंबर का चुनाव लड़ा रहे हैं।इसका कारण पंचायती राज विभाग की ओर से सात निश्चय योजना के लिए जारी राशि मुखिया स्तर से वार्ड मेंबरों के बीच वितरित किया जाना है।
स्मार्टफोन हाथ में और सामने दावे…
विरोधियों को मात देने के लिए यहां के प्रत्याशी स्मार्टफोन का सहारा ले रहे हैं। विशेषकर मुखिया व समिति पद के प्रत्याशी सोशल साइट के माध्यम से पंचायत में संचालित योजनाओं के लिए आवंटित राशि व खर्च के बारे में बताते हुए अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। यह भी बताने की कोशिश कर रहे हैं कि योजना का पैसा आया लेकिन पंचायत में काम नहीं किए जाने के कारण राशि वापस चला गया। जबकि निवर्तमान जनप्रतिनिधि अपने किए कामों के दावे के सहारे वोट मांग रहे हैं।