back to top
25 नवम्बर, 2024
spot_img

बिहार पंचायत चुनाव, ऐ मुखिया जी, माननीय सरपंच महोदय…इस बार बदले-बदले से रहेंगे आपके अधिकार, सौंप दी गई है नई जिम्मेदारी, चुनाव लड़ने से पहले जान लीजिए नई कार्यपद्धति जिससे मुखिया ओर सरपंच को गुजरना तो पड़ेगा

spot_img
spot_img
spot_img

बिहार में पंचायत चुनाव हो रहे। मगर, कुछ हटके। इसबार मुखिया और सरपंच बनने की जितनी आपाधापी दिख रही, वह चौंकाने वाला तो कतई नहीं कारण हर पंचायत चुनाव में मारामारी की नौबत साफ दिखी है और आगे भी दिखेगी।

 

बदले से हैं नजारे, बदल गया दायित्व भी

मगर, इसबार कई अधिकार और जिम्मेदारियां बदल गई हैं। ग्राम सत्ता के दोनों प्रमुख पदों मुखिया और सरपंच के दायित्वों का नए सिरे से निर्धारण कर दिया गया है। दोनों पदधारियों के लिए बहुत कुछ कटौती सा लग सकता है तो कई जिम्मेदारी बढ़ी हुई सी लगेगी।

पंचायत चुनाव से पहले पंचायती राज विभाग ने नए सिरे से मुखिया व सरपंच के दायित्वों का निर्धारण कर उनकी जिम्मेदारी तय करते हुए निर्देशित किया है कि अब नए नियम के मुताबिक मुखिया को जहां ग्राम सभा और पंचायतों की बैठक बुलाने का अधिकार होगा।

वहीं इनके जिम्मे विकास योजनाओं के लिए मिलने वाली पंजी की निगरानी की भी जिम्मेवारी होगी। इसके साथ ही सरपंच के जिम्मे गांव में सड़कों के रख-रखाव से लेकर सिंचाई की व्यवस्था, पशुपालन व्यवसाय को बढ़ावा देने जैसे कार्य भी शामिल होंगे।

मुखिया के जिम्मे अब ये रहा काम 

पंचायती राज विभाग के अनुसार इस बार चुनाव जीतने वाले मुखिया को अब अपने कार्य क्षेत्र में एक वर्ष में कम से कम चार बैठकें आयोजित करनी होंगी।

बैठक के अलावा इनके पास ग्राम पंचायतों के विकास की कार्य योजना बनाने के साथ-साथ प्रस्तावों को लागू करने की जवाबदेही भी होगी। इसके अलावा ग्राम पंचायतों के लिए तय किए गए टैक्स, चंदे और अन्य शुल्क की वसूली के इंतजाम करना भी इनके जिम्मे होगा।

सरपंचों को पंचायती राज व्यवस्था में तीन बड़े अधिकार दिए गए हैं। इसमें ग्राम पंचायत की बैठक बुलाने और उनकी अध्यक्षता करने के साथ ही अब ग्राम पंचायत की कार्यकारी और वित्तीय शक्तियां भी इनके पास रहेंगी।

नई कार्यपद्धति से मुखिया और सरपंच को गुजरना पड़ेगा

इनके जिम्मे जो मुख्य कार्य होंगे उनमें गांव की सड़कों की देखभाल, पशुपालन व्यवसाय को बढ़ावा देना, सिंचाई की व्यवस्था करने के अलावा दाह संस्कार और कब्रिस्तान का रखरखाव करना होगा। यानी कुल मिला कर नए अनुभव और नई कार्यपद्धति से मुखिया और सरपंच को गुजरना पड़ेगा।

--Advertisement--

ताज़ा खबरें

Editors Note

लेखक या संपादक की लिखित अनुमति के बिना पूर्ण या आंशिक रचनाओं का पुर्नप्रकाशन वर्जित है। लेखक के विचारों के साथ संपादक का सहमत या असहमत होना आवश्यक नहीं। सर्वाधिकार सुरक्षित। देशज टाइम्स में प्रकाशित रचनाओं में विचार लेखक के अपने हैं। देशज टाइम्स टीम का उनसे सहमत होना अनिवार्य नहीं है। कोई शिकायत, सुझाव या प्रतिक्रिया हो तो कृपया [email protected] पर लिखें।

- Advertisement -
- Advertisement -