बिहार में पंचायत चुनाव की सरगर्मी तेज हो गई है। इस दौरान कोई भी उम्मीदवार मनमाना खर्च नहीं कर पाएगा। चुुनाव आयोग ने सभी पदों के क्षेत्र व जनसंख्या के मुताबिक चुनाव में खर्च की सीमा तय कर दी है।
वार्ड सदस्य व पंच प्रत्याशी 20 हजार रुपए तक चुनाव में खर्च कर सकते हैं, जबकि मुखिया व सरपंच प्रत्याशी 40 हजार ही खर्च कर पाएंगे।
सभी प्रत्याशियों को मतगणना की समाप्ति के 15 दिन के अंदर अपने खर्च का ब्यौरा निर्वाची पदाधिकारी के पास जमा करना अनिवार्य होगा। जांच में किसी प्रत्याशी के खर्च की राशि अधिक होती हैतो ऐसे में उस प्रत्याशी पर चुनाव आयोग के फैसले का उल्लंघन करने के खिलाफ में कार्रवाई की जाएगी।
कोरोना काल में हो रहे इस चुनाव को लेकर आयोग ने नामांकन स्थल पर भीड़ को जुटाने से रोकने के लिए आवश्यक प्रबंध करने का निर्देश जारी किया है।जिला प्रशासन ने नामांकन के दौरान भीड़ पर नियंत्रण पाने के लिए पद के हिसाब से अलग-अलग काउंटर बनाने का निर्देश जारी किया है।
सभी प्रखंड निर्वाची पदाधिकारियों को निर्देश जारी किया है। ताकि नामांकन के दौरान प्रखंड कार्यालयों में अनावश्यक भीड़ जमा नहीं हो सके। प्रत्याशी के साथ उनके एक प्रस्तावक के अलावा अन्य किसी के जाने पर प्रतिबंध रहेगा।
इन्हें मिलेगी थोड़ी छूट
क्षेत्र बड़ा होने के कारण जिला परिषद प्रत्याशी को एक लाख रुपए तक खर्च करने की छूट दी गई है। वहीं आयोग ने पंचायत समिति सदस्य के पद पर चुनाव लड़ने वालों के लिए अधिकतम 30 हजार रुपये खर्च की सीमा तय कर दी है।
सभी प्रत्याशी को तय सीमा में ही खर्च करनी पड़ेगी। प्रत्येक पद के प्रत्याशी निर्धारित राशि के अंदर ही खर्च कर सकेंगे। चुनाव में खर्च की गई राशि का हिसाब भी सभी को देना पड़ेगा।
प्रत्याशियों को मतों की गणना का कार्य संपन्न होने के बाद चुनाव खर्च का ब्यौरा उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा। अगर इस बार कोई प्रत्याशी खर्च का हिसाब नहीं देते हैं तो अगले चुनाव में वैसे प्रत्याशी चुनाव से वंचित रह सकते हैं।