उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने राष्ट्रगान को लेकर बड़ा फैसला (Big decision of Yogi government) लिया है। यूपी सरकार ने आदेश जारी किया है कि प्रदेश के मान्यता प्राप्त अनुदानित और गैर अनुदानित सभी मदरसों में कक्षाएं शुरू होने से पहले अनिवार्य तौर पर राष्ट्रगान करवाया जाए। इसको लेकर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने आदेश जारी किया है।
जानकारी के अनुसार, उत्तर प्रदेश के मदरसों में अब पढ़ाई से पहले राष्ट्रगान अनिवार्य कर दिया गया है। UP मदरसा शिक्षा बोर्ड परिषद ने इसका आदेश जारी कर दिया है। यह आदेश मान्यता प्राप्त, अनुदान पाने वाले और अनुदान नहीं पाने वाले सभी मदरसों पर लागू होगा। कक्षाएं शुरू होने से पहले सुबह की प्रार्थना के समय राष्ट्रगान होगा। रमजान और ईद की छुट्टियों के बाद गुरुवार यानी आज से सभी मदरसे खुल चुके हैं। 14 मई से मदरसों में बोर्ड परीक्षाएं शुरू हो रही हैं।
मदरसा शिक्षा परिषद ने ये बदलाव किए हैं, जिसके बाद जिला अल्पसंख्यक अधिकारी ने सभी मदरसों के मैनेजर्स को जारी किया है। उल्लेखनीय है कि रमजान के खत्म होने के बाद से 14 मई से मदरसा बोर्ड में परीक्षाएँ भी शुरू हो रही हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, मदरसों में राष्ट्रवादी शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए पिछले महीने योगी कैबिनेट में मंत्री धर्मपाल सिंह ने पहल की थी।
मौजूद वक्त में उत्तर प्रदेश में 16461 मदरसे हैं। वहीं दानिश आजाद अंसारी ने बताया कि वार्षिक परीक्षाएं भी शुरू हो रही हैं। नए सत्र की शुरूआत हो रही है, जिसके चलते सभी मदरसों में लोगों ने आना शुरू कर दिया है। बोर्ड ने सभी जिला कल्याण अधिकारियों को इसके बारे में सूचित कर दिया है।
मदरसा शिक्षा बोर्ड की 24 मार्च 2022 को उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड की बैठक के दौरान इसको लेकर फैसला लिया गया था कि सभी अनुदानित और गैर अनुदानित मदरसों में नए सत्र से क्लास शुरू होने से पहले छात्रों को राष्ट्रगान गाना होगा। इस दौरान मदरसा के शिक्षकों की बॉयोमेट्रिक हाजिरी और नए सत्र से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा शुरू करने का भी फैसला किया गया था।
बैठक मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष इफ्तिखार अहमद जावेद की अध्यक्षता में हुई। मदरसा बोर्ड अब परीक्षा भी बेसिक शिक्षा परिषद की तर्ज पर ही लेगा। साथ ही इस बात को लेकर फैसला लिया गया था कि मदरसे में शिक्षकों की भर्ती MTET के आधार पर होगी, जो कि TET के पैटर्न जैसा ही होगा।
मजहबी तालीम के साथ आधुनिक शिक्षा भी जरूरी’
डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी का कहना है कि मुसलमानों के बच्चों के एक हाथ में कुरान और दूसरे में कंप्यूटर हो। यह उनकी मुस्लिम समाज को आगे बढ़ाने की सकारात्मक सोच को दर्शाता है। इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए अब बोर्ड ने फैसला लिया है कि नए सत्र से मदरसों के बच्चे मजहबी शिक्षा की पढ़ाई के साथ साथ आधुनिक शिक्षा भी अनिवार्य रूप से पढ़ेंगे। साथ ही राष्ट्रवाद की भावना को आगे बढ़ाने के लिए वे रोजाना राष्ट्रगान भी गाया करेंगे।
मौलाना सुफियान ने कहा- बार-बार मदरसों को टारगेट करना गलत
लखनऊ के दारुल उलूम फरंगी महली के प्रवक्ता मौलाना सुफियान निजामी ने कहा- ‘मदरसे में राष्ट्रगान अनिवार्य करने पर कोई भी आपत्ति नहीं है, लेकिन बार-बार मदरसों को टारगेट किया जाता है। पहले कहा गया कि NCERT की बुक पढ़ाई जाएगी, लेकिन कोई ऐसी बुक नहीं पढ़ाई जा रही है। न ही मदरसों को हाइटेक किए जाने को लेकर कोई भी संसाधन किए जा रहे हैं। इस ऑर्डर से यही सवाल उठता है कि मदरसों में राष्ट्रगान नहीं होता है, न ही कोई पढ़ाई होती है।
बोर्ड मीटिंग में लिया गया था ये फैसला
मदरसों में राष्ट्रगान का फैसला UP मदरसा शिक्षा परिषद की बैठक में 24 मार्च को लिया गया था। इसे गुरुवार को रजिस्ट्रार निरीक्षक एसएन पांडेय ने जारी किया है। उन्होंने बताया कि सत्र 2022-23 के स्कूल खुलने पर ही राष्ट्रगान कराने का फैसला किया गया था। मदरसा बोर्ड की परीक्षाएं शुरू होने पर यह फैसला लागू कर दिया जाएगा।