(Bihar News) बिहार: एक फार्मासिस्ट को दवा की एक दुकान से सम्बद्ध करने के खिलाफ आंदोलन का एलान, बिहार सरकार की ओर से एक फार्मासिस्ट को एक ही दवा दुकान से सम्बद्ध रहने की अनिवार्यता किए जाने व अन्य समस्याओं को लेकर दवा दुकानदार अगले महीने से बड़ा आंदोलन करने जा रहे हैं। इससे अफरातफरी मचने की आशंका है।
मुख्य बातें
- 15 जनवरी से कम्पनियों से दवा नहीं खरीदेंगे दवा विक्रेता
- 22 से 24 जनवरी तक करेंगे हड़ताल
- 30 जनवरी से दवा की दुकानें बंद करेंगे
आंदोलन के प्रथम चरण में 15 जनवरी से दवा विक्रेता दुकानदार कंपनियों से दवा की खरीद बंद कर देंगेे। इसके बाद 22, 23 व 24 जनवरी को बेगूसराय समेत पूरे बिहार में सभी दवा दुकान बंद रहेंगी। इस आंदोलन के बाद भी सरकार नहीं चेती तो 30 जनवरी से सभी दवा दुकानें अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दी जाएंगी। इसके साथ ही केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के बैनर तले जोरदार आंदोलन शुरू किया जाएगा।
बेगूसराय/दरभंगा, देशज न्यूज। जिला केमिस्ट व ड्रगिस्ट एसोसिएशन बेगूसराय के सचिव श्याम नंदन शर्मा का आरोप है,बिहार राज्य औषधि नियंत्रण परिषद व प्रशासन की ओर से लाइसेंसी दवा दुकानों में फार्मासिस्ट की उपलब्धता सुनिश्चित करने के आदेश की आड़ में दुकानदारों को प्रताड़ित किया जा रहा है। बिहार में फार्मासिस्ट के पढ़ाई की समुचित व्यवस्था नहीं है लेकिन सरकार की ओर से सभी दवा दुकानों में एक-एक फार्मासिस्ट रखने का आदेश दिया गया है। राज्य में करीब पांच हजार फार्मासिस्ट हैं। सिर्फ बेगूसराय में करीब छह हजार लाइसेंसी दुकानें हैं।
लाइसेंसी दवा दुकानदारों को निरीक्षण के दौरान तकनीकी गलती दिखाकर परेशान किया जा रहा है। लाइसेंस कैंसिल किए जा रहे हैं। नतीजतन, उग्र आंदोलन का निर्णय लिया गया है। सरकार आदेश में परिवर्तन करे, हम लोगों को फर्मासिस्ट उपलब्ध कराए, पुराने दुकानदार को फर्मासिस्ट या समकक्ष का दर्जा दे और फर्मासिस्ट के समुचित पढ़ाई की व्यवस्था हो। सरकार के आदेश से 90 प्रतिशत से अधिक दुकानों को बंद होने की नौबत आ गई है।
उन्होंने बताया, अगस्त-सितंबर में होने वाले तीव्र आंदोलन को देखकर 17 अगस्त को राज्य स्वास्थ्य समिति कार्यालय में बैठक हुई थी। उसमें स्वास्थ सचिव की ओर से व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाने का निर्देश दिया गया था लेकिन यहां ठीक उल्टा होने लगा। कार्रवाई और अधिक तेज कर दी गई। गत सप्ताह बेगूसराय के दवा दुकानदारों ने जब स्थानीय सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के समक्ष मामला उठाया था तो उस समय भी बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री की ओर से गिरिराज सिंह को यूपी की तरह व्यवस्था करने का आश्वासन दिया गया। हालांकि उस पर भी कार्रवाई नहीं हुई व हम लोगों को और प्रताड़ित किया जा रहा है। इसलिए अब अनिश्चितकालीन हड़ताल जैसे कदम उठाने का निर्णय लेना पड़ा है।