

देश आज कहां जा रहा है इसकी मिसाल अगर देखनी हो तो सरकारी दफ्तरों में, बैंक की कतारों में राशन की दुकानों पर देखिए। यहां सरकार जो देती है उससे अधिक उसके अफसर व चाकर आम जन से चूस लेते हैं। एक खबर बेहद चौंकाने वाली आ रही है उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ साक्षात विराजे हैं मगर खबर शर्मसार करने वाली है। यहां भ्रष्टाचार की शिकार एक पीड़ित महिला से रिश्वत देना तेरह लोगों को भारी पड़ गया है। महिला से रिश्वत के रूप में इन तेरह लोगों को रकम नहीं बल्कि एड्स जैसी भयंकर बीमारी मिली है। ये तेरह लोग कोई आम आदमी नहीं हैं। इनमें से कोई ग्राम प्रधान है, कोई रोजगार सेवक तो कोई खाद्य विभाग का कर्मचारी। इन लोगों ने पीड़ित महिला से राशन कार्ड बनवाने व विधवा पेंशन दिलवाने के लिए रिश्वत मांगी थी। रिश्वत में उन्होंने महिला की अस्मिता की मांग की। महिला के पास भी शायद इन लोगों की बात मानने के अलावा और कोई रास्ता था सो बंट गई देह तो जन्मी एक ऐसी बीमारी जो तिल-तिल मारेगी अंतिम सांस तक। कारण कहते भी हैं, घोटालों के देश में हर पल चिंता यही हमें सताएगी, जाने कब अखबार मे पेंशन घोटाले की खबर आ जाएगी। बुजुर्ग न होंगे बोझ, न होंगे बेसहारा,पेंशन लगायेगी जीवन नैया किनारा यह बात अब दब गई है। हालात यही है कमोबेश पूरे देश से दरभंगा तक यही, असहाय पंगु विधवा कि ऐसें पेंशन पाबै छै, जे-जे पहिने खर्च करै छै पेंशन उहे उठाबै छै। अंधा अफसर के सुहागिन भी मसोमात सन सूझै छै, बीस बरस के युवक के अस्सी के लगभग बुझै छै। छै बंनरबांट के जुग में जय जयकार भेल घुसखोरी के,उठाबै छै वृद्धा पेंशन अहिबतियो चूड़ी-फोरी के…शर्म करो सरकार कुछ तो सोचो…।









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