जहां डीएम व एसएसपी को मंडलकारा में जाने के लिए दो घंटों का बाहरी इंतजार करना पड़े उस देश की न्याय प्रणाली कैसी होगी सच मानिए बेहद ही गंभीर। प्रदेश सरकार के निर्देश पर सभी जेलों में एक साथ अधिकारियों ने छापा मारा मगर हद तो यह हो गई कि दरभंगा में जेल का दरबान डीएम व एसएसपी समेत अन्य अधिकारियों को देखने, समझने के बाद भी दरवाजा नहीं खोला और अधिकारियों को पूरे एक घंटे सुबह की ठंडक में इंतजार करवाया। प्रश्न यही, इसके बाद क्या हुआ। सभी अधिकारी मौन हैं। सरकार चुप है। व्यवस्था पूर्वत है। हालात लाइलाज शक्ल में सामने है। हालात यही है, हुक्मरां हो गए कमीने लोग, ख़ाक में मिल गए नगीने लोग
हर मुहिब्ब-ए-वतन ज़लील हुआ, रात का फ़ासला तवील हुआ। साहेब, शहर की प्रशासन की हाल-ए-बयां ना पूछ, नए किरदार आते जा रहे हैं, मगर नाटक पुराना चल रहा है।
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