back to top
1 नवम्बर, 2024
spot_img

सौ रुपए करो ढीले गर चाहते हो सब रफा दफा करना

spot_img
spot_img
spot_img

जिंदगी में मिलेंगे कहीं अंधेरे कहीं उजाले
बिना हेलमेट वाले गाड़ी साइड में लगा ले

गर दोस्त करे गुनाह तो दुश्मन संभाल ले
अब देर कर बेट्टा कागज़ निकाल ले

तमाम उनकी यादों का दर्द है और ज़िंदगी कम है
ये देख बच्चा तेरा इन्श्योरेंस भी खतम है

उफ़ नसीब मेरे महबूब से यूं जुदा कर
अबे घोंचू डीएल तो लेकर के चला कर

हर कदम पर आजमाती है किस्मत जब इन्सां सफर पे हो
चालान फौरन काटते हैं गर हेलमेट सर पे हो

हर सुख़नवर को जहां में सदमा शदीद है
एक भी तो नहीं तेरा कागज कम्प्लीट है

हमने उनसे की वफ़ा की उम्मीद जो जाने वफ़ा करना
सौ रुपए करो ढीले गर चाहते हो सब रफा दफा करना

जाने क्यों नहीं मिलता पता उसके मिजाज़ का
सौ नहीं हैं तो नोट एक होगा पचास का

रेत को मुश्किल है मुट्ठी में भर के उड़ा देना
साले भिखारी गाड़ी अब कचहरी से छुड़ा लेनासौ रुपए करो ढीले गर चाहते हो सब रफा दफा करना

--Advertisement--

ताज़ा खबरें

Editors Note

लेखक या संपादक की लिखित अनुमति के बिना पूर्ण या आंशिक रचनाओं का पुर्नप्रकाशन वर्जित है। लेखक के विचारों के साथ संपादक का सहमत या असहमत होना आवश्यक नहीं। सर्वाधिकार सुरक्षित। देशज टाइम्स में प्रकाशित रचनाओं में विचार लेखक के अपने हैं। देशज टाइम्स टीम का उनसे सहमत होना अनिवार्य नहीं है। कोई शिकायत, सुझाव या प्रतिक्रिया हो तो कृपया [email protected] पर लिखें।

- Advertisement -
- Advertisement -