
घरेलू गैस सिलेंडर की डिलेवरी के वक्त उसे तौल कर ही लें। कारण, उसमें गैस की मात्रा कम हो सकती है। दरअसल, शहर में यह शिकायत आम है कि सिलेंडर में दो किलो तक गैस की मात्रा कम निकल रही है। तौल यंत्र मांगनें पर डिलेवरी करने वाले एजेंसी कर्मचारी वाहन दूर खड़े होने या उसके खराब होने का बहाना बनाते हैं। इससे सिलेंडर का वजन नहीं हो पाता। वैसे, एजेंसी संचालक इस बात इनकार कर रहे हैं। वहीं नापतौल उपनियंत्रक से पूछने वाला कोई रहा नहीं। अगर ग्राहक कम गैस मिलने की शिकायत विभाग से करें भी तो जवाब यही मिलेगा जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी। ऐसे में आप सजग हों, सलेंडर डिलेवरी करने वाले कर्मचारी से तौल यंत्र जरूर मांगें। यह आपका हक है। उसका कांटा शून्य पर कर सिलेंडर तुलवाएं। इस दौरान ध्यान रखें कि घरेलू सिलेंडर में 14 किलो 200 ग्राम गैस आती है, जबकि लोहे का वजन 14 से लेकर 18 किलोग्राम हो सकता है। इसके वजन में 14 किलो 200 ग्राम जोड़ दें। इसका कुल योग सिलेंडर का वजन होता है। उदाहरण के तौर पर यदि किसी सिलेंडर का वजन 15 किलो है तो तौलने पर कुल वजन 29.2 किग्रा वजन आना चाहिए। इससे कम होने पर नापतौल विभाग से संपर्क करें। तब तक सिलेंडर की सील न तो़ड़े और सिलेंडर का उपयोग न करें। बस, जागरूक उपभोक्ता का कर्त्तव्य इससे आप महसूस करेंगे कंफर्ट ऐसें में, दादा कहिन हक की लड़ाई तन्हा ही लड़नी होती है…सैलाब उमड़ता है जीत जाने के बाद..
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