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दिसम्बर, 24, 2025

अब तो केसरिया होली बनती है… सच मानो तो मनोरंजन ठाकुर के साथ

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च मानो तो, मनोरंजन ठाकुर के साथ

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बस,
पंजाब बदल गया
मान कर चलो,
पंजाब में गई सरकार।
यूपी-उत्तराखंड-गोवा-मणिपुर तो हुआ निहाल
अब तो केसरिया होली बनती है।

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मिथक टूटे,
बने नए कीर्तिमान
जीत-जीत होती है
चाहे एक रन से जीतो
या, कर लो 272 पार
केसरिया होली तो बनती है…।

माना,
थी, दिल्ली की दिली इच्छा
वो ना जीते दोबारा
शीर्ष नेतृत्व की चाहत में हो गए शुमार
मोदी, नड्‌डा, शाह के बाद
राष्ट्रीय नेतृत्व की कतार में आ गया एक और नया अवतार

अब तो केसरिया होली बनती है…।

अब आदित्य भी
इस जीत के बाद

सियासी कद-काठी वाली नाथ लेकर
तेरे ही नक्शे-कदम पर
मां से मिलने जाएंगें
साहेब…

अब तो केसरिया होली बनती है…।

अगर
जाति-वर्ग-और मजहब पर
चुनाव की हर बार जीत या हार होती
तय मानो
बाबरी ध्वंस के बाद
नवंबर 1993 में ही जीत गए होते,

आज जब
राम लला, काशी-विश्वनाथ धाम मुद्दा ना रहा

अब तो केसरिया होली बनती है…।

यूपी मांगें मोर
शिक्षा, आर्थिक विकास, सांस्कृतिक विरासत के साथ देश नेतृत्व
सपा-बसपा में एक-एक नेता
मगर,
बीजेपी में ये कांग्रेस वाली बीमारी क्यों लग गई 
कुछ दिनों में 
नेतृत्व परिवर्तन की सुगबुगाहट…
अब तो केसरिया होली बनती है…।

मगर
यूपी है अब पीएम मोदी का चहेता
आदित्य-मोदी बन चुके कर्म योगी
यूपी ने मान लिया, हैं बाबा बहुत-उप-योगी
झुंड, निहाल भैया
कटी हाथ लेकर
हाथी की पूंछ-खोजती बुआ
अब तो केसरिया होली बनती है।

अखिलेश भैया की रैली में भीड़
लगा मानो बिहारी चुनाव में तेजस्वी का रेलम-पेल
मगर,
नमक की सियायत,
घूंघट से कर्र-कर्र, नवका वोट,
छा गए साहेब 

अब तो केसरिया होली बनती है….।

तय है,
यूपी का मूड
बहुत-बहुत बदला है
अब तो केसरिया होली बनती है….।

 
क्या बदला
ध्रुवीकरण बदला,

वर्ष 1977 में बहुमत
वर्ष 1979 में सरकार गिरी,
वर्ष 1980 में कांग्रेस आई
वर्ष 1985 में फिर कांग्रेस

मगर,
1990 के बाद तीन दशक में पहली बार
जिया बेकरार है, सत्ता बरकरार है,
कह दो ना
यहीं से तो
2024 का भी रास्ता बिल्कुल साफ है
अब तो केसरिया होली बनती है…।

भले,
ईवीएम में गड़बड़ी से
हार गए हों भैया
यह ईवीएम भी तो
गुजरात में ही बनता है
भूल गए तुम साहेब…
तय मानो
ऐसा माहौल बदला है
अब,
आम आदमी भी एक दिन गुजारेगा गुजरात में
केसरिया होली तो बनती है…।

छोड़ो
एक्सप्रेस-वे किसने बनवाया
यूपी को छोटे-छोटे दलों का साथ पसंद ना आया
राम ने चौदह बरस का वनवास गुजारा
तूने, बीस बरस का वनवास गुजारा
राम लहर में जो ना हुआ
वो भी कर गए हो साहेब…
अब तो केसरिया होली बनती है…।

याद है,
पिछली बार,
उत्तराखंड में
भगत सिंह, रमेश निशंक, विजय बहुगुणा तीनों पूर्व सीएम को टिकट तक नहीं दिया

अब तो महाराष्ट्र फॉमूला
यूपी में अपना लो

केशव प्रसाद मोर्य
दिनेश शर्मा
योगी आदित्यनाथ ना सही
राजनाथ सिंह को ही सीएम बनवा दो।
अब तो केसरिया होली बनती है…।

पांच राज्यों में चुनाव हुए
चार में तेरी 
एक में
आम आदमी की सरकार

फिर भी देखो साहेब…
पूरा देश, तेरी जीत का डंफा है बजा रहा
बुलडोजर पर चढ़कर जयश्रीराम का ही नारा लगा रहा
अब तो केसरिया होली बनती है…।

उत्तराखंड में लहर थी खराब
फिर भी जीत गए सरकार
कांग्रेसी संगठन पहले से छिन्न
अब जो बचा था हाथ का शेष
उसको भी कर गए तुम भिन्न
अब तो केसरिया होली बनती है….।

माना,
देवभूमि में मुख्यमंत्रियों के हारने की परम-परंपरा है
नित्यानंद हारे
बीसी खंडूरी सीएम उम्मीदवार वह भी हारे
फिर हरीश रावत की बारी
अबकी बार फिर पुष्कर सिंह धामी को
भी खटीमा से हरवा दिया…
केसरिया होली तो बनती है…।

कांग्रेस की जो पूरे देश में हालत,
राष्ट्र स्तर पर एक अदद अध्यक्ष नदारद
संगठन का ढ़ांचा जर्ज-जर्जरा, चरमरा, ढ़ह गई साहेब
अब तो केसरिया होली बनती है….।

आपने दिल्ली में कल ही तो कार्यकर्ताओं से कहा है साहेब
परिवारवाद को मिटाकर दम लेंगे
गरीबों को बसा के दम लेंगे
अब तो केसरिया होली बनती है….।

उत्तराखंड की हिम में भी तो
मिथक टूटा है
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ
विश्व हिंदू परिषद, महासभा
के गांव-गांव में कार्यकर्ता,
कांग्रेस संगठन तलाशती रह गई
अरे आपने तो देवभूमि भी आराम से बचा लिया…
अब तो केसरिया होली बनती है….।

माना,
उत्तराखंड में
सत्ता दोबारा चांस देती नहीं
वर्ष 2000 में प्रदेश बना
तब से
हर बार सत्ता का सुख बदला
मगर,
लोगों को राशन, गैंस सिलेंडर देकर
महिलाओं को आप भा गए
मिथक तोड़,
मुस्कुरा रहे हो साहेब
अब तो केसरिया होली बनती है…।

माना,
मनोहर पर्रिकर नहीं रहे गोवा में
प्रमोद सावंत पर्रिकर से कमतर थे
मगर,
कैडर वाली बात जम गई
दीदी वायलेंट दिखी
आम आदमी की पैठ ना जमीं
महिला वोटरों की फीसद ही
बीजेपी की नायिका बनीं
दक्षिण भारत में राष्ट्रीय दल बनने की
टीएमसी-आप की इच्छा पूरी ना हुई,
अब तो केसरिया होली बनती है…।

सच मानो तो
भारतीय राजनीति में
एक नई सोच सामने है
तभी तो
यूक्रेन में राष्ट्रपति हंसोड़
अब पंजाब में भगवंत मान की बारी है
केसरिया होली तो बनती है…।

बीच में,
घुस आए सिद्दू
जिसे वह अपनी कॉमेडी में नचाते थे

2005 में द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चेलैंज में जज बनकर
भगवंत मान को हल्का कंटेस्टेंट बताते थे

17 साल बाद
आज
बाजी पलट गई

बन गया मान गुरु का ही गुरु
अब तो केसरिया होली बनती है…।

दलित चेहरा भी काम ना आया
ओपनर बनने के चक्कर में
नवजोत ने कांग्रेस की ज्योत गंवा दी
खुद पैड वुमन
जीवन ज्योत कौर के हाथों अपनी कुर्सी गंवा दी।  

तूने हद कर डाला गुरु
कहा था,
मैं अडूंगा और लड़ूंगा,
सबकुछ लुटता है, तो लुट जाए

यह डायलॉग तेरी रूह की आवाज थी
मगर,
तूने ये क्या कर किया

अरे, एक मामूली मोबाइल रिपेयर करने वाली दुकान में नौकरी करने वाले से मुख्यमंत्री चन्नी को हरवा डाला।
अब तो केसरिया होली बनती है….।

सच मानो तो,
बस, इतना बता दो
आप मुझे
साहेब
बिहार में सन ऑफ मल्लाह का क्या करोगे 
कीर्तन करने दोगे या
नाव समेत गंगाघाट पहुंचा दोगे
नीतीश से भी तो अब बधाई मिल गई…

वाह!
रे हिंदुस्तान
अब तो केसरिया होली बनती है…।

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