
बिहार चुनाव धीरे धीरे स्वादिष्ट होता जा रहा है। इसमें मीठी भी है तीखी भी। यह शुरूआत है। यानि, मोदी बनाम लालू की जुबानी जंग – का श्रीगणेश है पूणिया का एयरपोर्ट। यहीं से बिहार पॉलिटिक्स की उड़ान होगी। कौन पड़ेगा भारी? क्या सौगात मिलेगी? लालू का तंज, मोदी की मेगा सौगात।@चुनावी कांव-कांव, देशज टाइम्स पॉलिटिकल कॉर्नर से मनोरंजन ठाकुर।
राजनीति + विकास का कॉम्बो आखिर क्या रूख अख्तियार करेगा?
राजनीति + विकास का कॉम्बो आखिर क्या रूख अख्तियार करेगा? पूर्णिया में मोदी की 15 सितंबर को मेगा रैली होगी – 45,000 करोड़ की परियोजनाओं का पीएम शिलान्यास करेंगे। वहीं, लालू यादव का आज दोपहर अभी अभी का तंज – “जुमला सुनाने कब आओगे?”@चुनावी कांव-कांव, देशज टाइम्स पॉलिटिकल कॉर्नर से मनोरंजन ठाकुर।
अहम है, दम है क्योंकि इसमें 45,000 करोड़ है…
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले राज्य का राजनीतिक माहौल लगातार गरमाता जा रहा है। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 सितंबर को पूर्णिया का दौरा करेंगे। यह दौरा न सिर्फ चुनावी रणनीति बल्कि विकासात्मक दृष्टिकोण से भी बेहद अहम माना जा रहा है।
जनसमर्थन जुटाने का बड़ा मंच बनेगा पूर्णिया
प्रधानमंत्री मोदी पूर्णिया हवाई अड्डे का उद्घाटन करेंगे। इसके साथ ही वे 45,000 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन भी करेंगे।
इसमें बुनियादी ढांचे (Infrastructure) से जुड़े प्रोजेक्ट,सड़क व रेल कनेक्टिविटी से जुड़े कार्य, और क्षेत्रीय विकास की कई योजनाएं शामिल हैं। ऐसे में, यह कार्यक्रम भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए बिहार में जनसमर्थन जुटाने का बड़ा मंच साबित हो सकता है।
जुमला सुनाने बिहार कब आओगे? pic.twitter.com/4SkoWF3wSu
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) September 11, 2025
तेज बयानबाजी लालू यादव की जुबानीं, चुभेगा तो?
प्रधानमंत्री के दौरे से पहले ही विपक्ष ने अपनी राजनीतिक बयानबाजी तेज कर दी है। लालू प्रसाद यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर प्रधानमंत्री मोदी पर तंज कसते हुए लिखा:
“जुमला सुनाने बिहार कब आओगे?”
इसके साथ ही उन्होंने पीएम मोदी की एक तस्वीर भी साझा की, जिस पर लिखा है: “जुमला सुनाने कि फिर कब आओगे।”
लालू यादव का यह पोस्ट सीधे तौर पर मोदी के पूर्णिया दौरे से जोड़कर देखा जा रहा है। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि इससे चुनावी माहौल और तेज बयानबाजी के साथ गरमाने वाला है।
मोदी की यह यात्रा भाजपाई चुनावी गणित
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले यह दौरा सत्ता पक्ष के लिए राजनीतिक संदेश देने का अवसर है। भाजपा इस दौरे को विकास बनाम जातीय समीकरण की बहस में बदलना चाहती है। वहीं, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और अन्य विपक्षी दल इसे जुमलेबाजी और अधूरे वादों से जोड़कर जनता को साधने का प्रयास कर रहे हैं। तय है, मोदी की यह यात्रा भाजपा की चुनावी रणनीति का हिस्सा है, जिसके जरिए वे एक ओर विकास कार्यों का प्रचार करेंगे और दूसरी ओर विपक्ष के हमलों का जवाब देंगे।
उत्तर-पूर्वी हिस्से सीधे हवाई कनेक्टिविटी में
पूर्णिया एयरपोर्ट का उद्घाटन राज्य के उत्तर-पूर्वी हिस्से को सीधे हवाई कनेक्टिविटी देगा। इससे रोजगार और व्यापार के नए अवसर पैदा होंगे। स्थानीय लोगों की नजरें इस बात पर हैं कि क्या यह योजनाएँ वास्तव में जमीन पर उतरेंगी या फिर चुनावी वादों तक सीमित रहेंगी।वहीं विपक्ष इस मुद्दे को अपने चुनावी प्रचार में हथियार के रूप में इस्तेमाल करेगा।
चुटीले अंदाज, जोश, जुबानी जंग में तीखी मिर्ची
बिहार की राजनीति में पहले भी तेज बयानबाजी और सड़क से सदन तक टकराव देखने को मिलता रहा है। पीएम मोदी का यह दौरा निश्चित तौर पर भाजपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों में जोश और उत्साह भरेगा। दूसरी तरफ लालू प्रसाद यादव अपने चुटीले अंदाज से जनता को आकर्षित कर रहे हैं। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि आने वाले दिनों में यह जुबानी जंग और तीखी होगी और चुनावी प्रचार अपने चरम पर पहुंचेगा।
बिहार की राजनीति के लिए टर्निंग पॉइंट
15 सितंबर को प्रधानमंत्री मोदी का पूर्णिया दौरा बिहार की राजनीति के लिए टर्निंग पॉइंट साबित हो सकता है। जहां भाजपा इसे अपने विकास एजेंडे का प्रतीक बनाना चाहती है, वहीं राजद और विपक्ष इसे जुमलेबाजी करार देकर जनता तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिश करेंगे।
आखिरकार, बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में जनता यह तय करेगी कि उन्हें विकास की राजनीति पर भरोसा है या वादों और तंजों की राजनीति पर।