
कौन जीतेगा, क्या होगा, शब्दों की तीखी टोन, बवाल, हमला, टकराव, घमासान, खुलासा। खबर में नया यही है, यह पूरी तरह से राजनीतिक घमासान और चुनावी बयानबाज़ी पर टिका है। जहां, बिहार चुनाव में तगड़ा बवाल की धुंधलती साया सामने है ! मांझी का चिराग पर सीधा वार है। तेजस्वी के शब्द- नीतीश “बेकार” हैं-20 साल से बिहार बर्बाद” है –चुनावी कांव-कांव, देशज टाइम्स पॉलिटिकल डेस्क कॉर्नर से मनोरंजन ठाकुर।
चिराग पासवान का चाल-चरित्र सबको मालूम है, डबल इंजन में एक भ्रष्टाचार, दूसरा अपराध
– मांझी-अपनी ही पार्टी या गठबंधन धर्म को भूलते सीधे चिराग से टकराव के मूड में हैं। कहते हैं- ‘चिराग का चाल-चरित्र सबको मालूम है। डबल इंजन में एक भ्रष्टाचार, दूसरा अपराध। यानि-चेतावनी यही है, NDA में आत्मघाती कदम न हुआ तो बिहार चुनाव में शानदार प्रदर्शन होगा –चुनावी कांव-कांव, देशज टाइम्स पॉलिटिकल डेस्क कॉर्नर से मनोरंजन ठाकुर।
बिहार चुनाव 2025: सीट बंटवारे में पेंच-प्रत्यारोप तक, सियासत की गरमाई-तल्ख होती राजनीति
चुनावी कांव-कांव, देशज टाइम्स पॉलिटिकल डेस्क कॉर्नर से मनोरंजन ठाकुर। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 नजदीक आते ही राज्य की सियासत में तेज बयानबाज़ी, सीट बंटवारे की खींचतान और आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। फिलहाल बिहार में दो शब्द सबसे ज़्यादा चर्चा में हैं—धृतराष्ट्र और डर। वहीं तीसरा शब्द है—अपनी ही पार्टी और गठबंधन पर प्रहार।
जीतन राम मांझी का चिराग पासवान पर वार
हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के संरक्षक और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने पटना पहुंचते ही लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान पर सीधा हमला बोला।
मांझी ने कहा कि सीट बंटवारे पर अंतिम फैसला जल्द ही दिल्ली में एनडीए बैठक में होगा। चिराग पासवान के “133 सीटों बनाम 43 सीटों” वाले बयान पर मांझी ने तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा कि वे 2020 से ही चिराग के “चाल-चरित्र” से परिचित हैं। मांझी ने साफ किया कि उनका मकसद एनडीए को मजबूत बनाए रखना है।
20 साल में पेंशन सिर्फ 400 रुपए तक ही क्यों?
आरजेडी नेता और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार और एनडीए सरकार पर तीखे आरोप लगाए। तेजस्वी ने कहा—“20 साल से बिहार की हालत खराब है। अपराध बढ़ा है, शिक्षा-स्वास्थ्य चरमरा गए हैं और भ्रष्टाचार चरम पर है।”
उन्होंने पेंशन योजना को लेकर भी सरकार पर सवाल उठाए—“20 साल में पेंशन सिर्फ 400 रुपये तक ही क्यों?” तेजस्वी ने साफ दावा किया कि बीजेपी, नीतीश कुमार को दोबारा मुख्यमंत्री नहीं बनने देगी।
“पुत्रमोह में अंधे धृतराष्ट्र, बिहार नहीं होगा अशांत
उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने लालू प्रसाद यादव और आरजेडी पर कड़ा हमला बोला।
उन्होंने कहा—“पुत्रमोह में अंधे धृतराष्ट्र की तरह, वे एक बार फिर बिहार को अशांत करना चाहते हैं। लेकिन अब बिहारवासी इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।” विजय सिन्हा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नीतियों की सराहना करते हुए कहा कि बिहार अब शांति, सद्भाव और समृद्धि की राह पर है।
कुशवाहा की सलाह “आत्मघाती कदम से बचके”
राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) प्रमुख और सांसद उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि एनडीए के पास शानदार मौका है, लेकिन कोई “आत्मघाती कदम” नहीं उठाया जाना चाहिए। उन्होंने संसदीय क्षेत्रों के परिसीमन (Delimitation) की मांग दोहराई और कहा कि बिहार की जनसंख्या के हिसाब से 40 की जगह 60 लोकसभा सीटें मिलनी चाहिए। कुशवाहा ने यह भी आरोप लगाया कि 2024 लोकसभा चुनाव में उन्हें हराने के लिए एनडीए के ही कुछ नेताओं ने पवन सिंह को निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर समर्थन दिया।
कांग्रेस की सोच बिहार को “आंतरिक उपनिवेश”
जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कांग्रेस और उसके नेताओं पर बार-बार बिहार का अपमान करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सोच बिहार को “आंतरिक उपनिवेश” की तरह देखने वाली रही है। पंजाब चुनाव के दौरान चरणजीत सिंह चन्नी और प्रियंका गांधी के बयान का भी हवाला दिया। जेडीयू प्रवक्ता ने कहा—“बिहार अपने स्वाभिमान से कभी समझौता नहीं करेगा।”
बीजेपी सांसद मनोज तिवारी की आपत्ति
भोजपुरी अभिनेता और बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने पटना में कहा कि राहुल गांधी की सभा में पीएम मोदी की मां के खिलाफ अपमानजनक शब्द बोले गए।
तिवारी ने कहा कि अगर कांग्रेस और तेजस्वी को यह गलत लगा तो उन्होंने कार्यकर्ता पर कार्रवाई क्यों नहीं की? उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह बार-बार बिहार और बिहारियों का अपमान करती रही है।
दोनों में खींचतान…कौन आगे-कौन पीछे?
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले एनडीए और इंडिया गठबंधन दोनों में खींचतान तेज हो गई है। एक ओर एनडीए में सीट बंटवारे पर माथापच्ची चल रही है, दूसरी ओर विपक्ष नीतीश कुमार सरकार पर हमलावर है। कांग्रेस पर बिहार विरोधी रवैये के आरोप भी लगातार सामने आ रहे हैं। स्पष्ट है कि आने वाले हफ्तों में बिहार की राजनीति और भी गरमाने वाली है।