


बिरौल, देशज टाइम्स ब्यूरो। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिरौल-गंडौल सड़क का उद़घाटन करने के बाद हनुमाननगर स्थित घोघसड़ टोला में बने पंचायत सरकार भवन परिसर में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि सड़क के निर्माण होने से सहरसा-दरभंगा की दूरी कम समय में तय की जाएगी। कहा कि 531 करोड़ रुपए से बलुआहा घाट पर पुल का निर्माण हुआ। बलुआहा से गंडौल के बीच की दूरी 12.67 किलोमीटर है लेकिन विषम भौगोलिक स्थिति के कारण 404 करोड़ रुपये उक्त परियोजना पर खर्च हुए। 196 एकड़ जमीन का भू-अर्जन किया गया। इसपर 93 करोड़ 85 लाख रुपये खर्च हुए। यानि परियोजना पर 950 करोड़ की लागत से पुल व एप्रोच पथ का निर्माण हुआ है। सीएम ने कहा कि एनएच-57 से सहरसा की दूरी 150 किलोमीटर है। अब नए मार्ग से इसकी दूरी 42 किलोमीटर हो गई है। आज मैं इसी पथ से सहरसा जाऊंगा। वहां से हेलीकॉप्टर से पटना की उड़ान भरूंगा। कहा कि हम रसियारी से वरूणा घाट तक स्टेट हाइवे-88 का निर्माण करने जा रहे हैं। जल्द ही इस दिशा में कार्य की शुरूआत होगी। कहा कि वरूणा ब्रिज से सीधे हाजीपुर तक की दूरी आसानी के साथ तय की जाएगी।

उन्होंने कहा कि कोसी घाट में बलुआहा के पुल निर्माण की अवधारणा को उतारा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुशेश्वरस्थान से फुलतोरा घाट पर सड़क का निर्माण होगा। इसका शिलान्यास हो गया है। फुलतोरा से खगडिय़ा रोड के निर्माण पर 243 करोड़ रुपए की लागत आएगी। इसके रास्ते में सात बड़े पुल का भी निर्माण होगा। इसपर 147 करोड़ रुपये खर्च होंगे। दो साल में यह बनकर तैयार होगा। इससे पूर्व सीएम ने सबसे पहले तीन पंचायत सरकार भवन का उद्घाटन रिमोट से किया। वहीं, पांच का शिलान्यास किया। इसके बाद उन्होंने सीएम कन्या उत्थान योजना का चेक दो छात्राओं शाहीन प्रवीण व रंजन को दिया। साथ ही बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड का भी वितरण किया।

बिरौल, देशज टाइम्स ब्यूरो के अनुसार, अनुमंडल के कोठीपुल से सहरसा के गंडौल तक निर्माण किए गए 17 नम्बर सड़क की नींव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 18 मई 2013 को रखा था। उन्होंने गौड़ाबौराम प्रखंड के कोठराम स्थित एक मैदान पर आयोजित आमसभा के दौरान इस सड़क का शिलान्यास किया लेकिन इसकी घोषणा शिवनगरी कुशेश्वरस्थान में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान किए थे, जिसका जनवरी 2014 को गेमन इंडिया नाम के सड़क निर्माण कंपनी ने इस सड़क का निर्माण कार्य शुरू किया था। पहले तीन फिर उसमें बढ़ोत्तरी करते हुए चार सौ करोड़ से निर्माण किया गया। इसमें दो बड़े पुल व 22 कल्वर्ट का बनाए गए हैं। बिरौल से गंडौल तक इसकी लंबाई तेरह किमी व चौड़ाई 56 मीटर है जबकि इसकी उंचाई छह से आठ मीटर है।









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