


आकिल हुसैन मधुबनी देशज टाइम्स ब्यूरो। प्रशासनिक पदाधिकारी व भूमाफिया की मिली भगत से केसरे हिंद की जमीन का बंदरबाट हो रहा है। जिला मुख्यालय, मौजा चकदह, थाना संख्या-33,खेसरा संख्या 4775, 4776, 4777, 4778 व 4780 है, जो मुख्य मार्ग थाना मोड़ स्थित उक्त भूमि पर भूमाफिया व सफेदपोश के संरक्षण में केशरे हिंद की जमीन की खरीद-बिक्री का खेल जारी है। मधुबनी सिविल कार्ट के अधिवक्ता अजय यश ने जारी बयान में कहा है कि केसरे हिंद जमीन से संबंधित सभी प्रकार के कागजात उनके पास उपलब्ध है। उन्होंने बताया है कि रहिका अंचल कार्यालय की मिली भगत से केसरे हिंद जमीन को दरभंगा राज का जमीन बताकर उक्त जमीन को किसी खास व्यक्ति को लीज पर दिया गया है। वहीं, उक्त व्यक्ति की ओर से केसरे हिंद जमीन को अंचल प्रशासन की मिली भगत से जमीन की जमाबंदी कर दी गई। मामले की जानकारी मिलने पर अधिवक्ता श्री यश ने अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के समक्ष एक परिवाद दायर किया है जहां अंचल निरीक्षक विनोद मिश्र की ओर से उक्त जमीन को केसरे हिंद का बताया गया। 
जानकारी के अनुसार, श्री यश के आवेदन पर मधुबनी के तत्कालीन सदर अनुमंडल पदाधिकारी शाहिद प्रवेज की अनुशंसा पर अपर समाहर्ता की ओर से उक्त जमीन की जमाबंदी को रद करने का आदेश जारी करने के महीनों बाद भी प्रक्रिया पूरी नहीं की गई। आशंका व्यक्त की जा रही है कि केसरे हिंद की जमीन पर प्रशासनिक व भूमाफिया की मिली भगत से उक्त जमीन को बेचने का दाव खेला जा रहा है। उन्होंने मधुबनी नगर परिषद् के क्रियाकलाप पर आरोप लगाते हुए कहा कि केशरे हिंद की जमीन पर बिना मकान बनाए ही एक प्रभावशाली व्यक्ति को मकान के नाम का होल्डिंग नंबर निर्गत कर दिया गया वहीं नगर परिषद् कार्यालय में दिए आवेदन के आलोक में उक्त होल्डिंग नंबर को निरस्त कर दिया गया, जबकि मधुबनी नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी जटाशंकर झा की ओर से उक्त भूमि पर बने भवन को तोड़ने के लिए नोटिस जारी कर खानापूरी की गई, बावजूद निर्मित भवन को नहीं तोड़ा गया। इस मामले में अधिवक्ता अजय यश ने मामले की उच्च स्तरीय जांच के लिए निगरानी विभाग पटना को आवेदन भेज कर अवगत कराया है।










You must be logged in to post a comment.