चंदन पांडेय, देशज टाइम्स दरभंगा। कार्तिक शुक्ल पक्ष पूर्णिमा पर शुक्रवार को श्रद्धालुओं ने नदी-घाटों में आस्था की डुबकी लगाई। घाट का विधिवत पूजन कर सुख-समृद्धि की कामना की। इसके बाद शहर के विभिन्न मंदिरों में पूजा कर दर्शन किया। इससे पूर्व अहले सुबह से घाटों पर स्नान करने के लिए भीड़ उमड़ने लगी थी। वहीं, छठ के पारण से शुरू सामा-चकेवा का समापन कार्तिक पूर्णिमा के साथ हो गया। इधर, कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर गौसाघाट में कमला नदी तट पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। कमला स्नान के साथ पूजा-अर्चना के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु जुटे थे। सभी ने कमला नदी में पवित्र स्नान किया। इस दौरान भगतई भी होती रही। बुरी साया से निजात के लिए लोग
भगत की शरण में जुटे नजर आए। एक लाख लोगों ने इस मौके पर आस्था की डुबकी लगाई। भीड़ के बीच विधि-व्यवस्था बरकरार रखने के लिए पुलिस महकमा के कर्मियों को पसीना बहना पड़ा। यहां विभिन्न जिलों के अतिरिक्त नेपाल तक से कमला नदी में स्नान करने बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का जत्था पहुंचा। मेले में ओझा ने बुरे साया को भगाने को लेकर लाठी भी भांजा। वहीं नि:संतान महिलाओं को संतान के लिए कोखिया गुहार भी कराई गई। बकरे, कबूतर भी अर्पित किया गया। नि:संतान दंपती का इस मेले में अधिक जुटान दिखा। मान्यता है
कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन कमला नदी में स्नान करने व कमला मइया से मन्नत मांगने पर मइया उसे जरुर पूरा करती हैं। परंपरा के अनुसार पहले पति-पत्नी गौसाघाट से चार किलोमीटर दूर जीवछ घाट में कमला नदी में स्नान किया। वहां से गेठजोरी कर दोनों पैदल चलकर यहां पहुंचे। पति-पत्नी दोनों ने एकसाथ डुबकी लगाई। इस क्रम में पानी के भीतर कुछ खोजते रहे। इसमें जो कुछ भी मिला उसे मइया का प्रसाद समझकर रख लिया। मौके पर लोगों ने देशज टाइम्स टीम को बताया कि इसे वे ग्रहण करेंगे. कहा जाता है कि इसे खाने से संतान की उत्पति होती है। वहीं, मन्नतें पूरी होने के बाद संतान के साथ पहुंचे श्रद्धालुओं ने बच्चे का मुंडन कराया।
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