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8 जनवरी, 2024
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चाहिए सुखद प्रभात, पर्यावरण का अलख जगाओ, काटाेगे पेड़ और बहा दोगे अगर पानी तो मौत है निश्चित आनी

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चाहिए सुखद प्रभात, पर्यावरण का अलख जगाओ, काटाेगे पेड़ और बहा दोगे अगर पानी तो मौत है निश्चित आनी

दरभंगा, देशज टाइम्स ब्यूरो। पर्यावरण है, तभी हम हैं। पर्यावरण से हम हैं, हमसे पर्यावरण नहीं। यह बात हर आदमी को समझना होगा। प्राणी अपने जीवन के लिए वनस्पति जगत पर आश्रित है, फिर भी हम उसे जाने-अनजाने नुकसान पहुंचा रहे हैं। हर मनुष्य का दायित्व बनता है कि वह पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य करें। प्राणी जगत वायुमंडल में मौजूद जिस ऑक्सीजन के जरिए जीवित रहते हँ उसे पेड़-पौधे ही उत्पन्न करते हैं। यह प्राणी जगत का आधार है। दुखद यह, मानव इसके महत्व और उपयोग को समझते हुए भी अपने क्षणिक लाभ के लिए इसे नष्ट करने पर उतारू है। इससे हमारा पर्यावरण बीमार हो गया है। इसके गंभीर परिणाम देखने को मिल रहे हैं। यह बात सोमवार को विश्व पर्यावरण संरक्षण दिवस पर प्लस टू एमकेपी विद्यापति हाई स्कूल परिसर में स्वयंसेवी संस्था डॉ. प्रभात दास फाउंडेशन की ओर से आयोजित ‘‘कैसे बचाएं, अपना पर्यावरण’’ विषय पर भाषण प्रतियोगिता सह पौधरोपण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पर्यावरण विशेषज्ञ सह एमएलएसएम कॉलेज के प्राचार्य डॉ. विद्यानाथ झा ने कही।

चाहिए सुखद प्रभात, पर्यावरण का अलख जगाओ, काटाेगे पेड़ और बहा दोगे अगर पानी तो मौत है निश्चित आनी

उन्होंने कहा, हमारे पूर्वज पर्यावरण की महत्वता को समझते थे। उन्होंने प्रकृति पूजन को प्रकृति संरक्षण के रूप में मान्यता दी। भारत में पेड़-पौधों, नदी-पर्वत, ग्रह-नक्षत्र, अग्नि-वायु सहित प्रकृति के विविध रूपों को देवी-देवता के रूप में स्थापित किया गया। पेड़ों को हम संतान सदृश्य मानते हैं। नदी को मां का दर्जा देते आए हैं। मगर, आधुनिक युग में बढ़ती आबादी ने सबकुछ को तहस-नहस कर दिया है। संतान मानने के बाद भी पेड़ों की कटाई जारी है। नदी को मां मानकर पूजने के बावजूद उसमें गंदगी फैला रहे हैं। इनसब से परहेज करना होगा। मानवों को यह समझना होगा कि पर्यावरण का नुकसान, अपना नुकसान है।

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वरीय शिक्षक सुनील कुमार ने कहा कि जिस तरह से हमारे शरीर में मौजूद प्रतिरोध क्षमता रोगों से हमें बचाता है उसी तरह से वायुमंडल में मौजूद हानिकारक तत्वों से सजीव जगत की रक्षा पर्यावरण करता है। पर्यावरण प्रदूषण कितना खतरनाक है इसे इस बात से समझा जा सकता है कि इसके चलते विश्व के आश्चर्यजनक चीजों से शामिल निर्जीव ताजमहल भी उजला से पीला हो गया है। फाउंडेशन के सचिव मुकेश कुमार झा ने कहा कि हवा, पानी व पृथ्वी हमारे जीवन का आधार है। विकास की अंधी दौर में हमने इसे ही बर्बाद कर दिया है। अब इसे संवारने की जिम्मेवारी भी हमारी है। हर आदमी को बीड़ा उठाना होगा, तभी हमारा पर्यावरण स्वस्थ्य बनेगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विद्यालय के प्रधानाचार्य मो. मकसूद आलम ने कहा कि हमने प्रकृतिप्रद संसाधनों का स्वरूप बिगाड़ दिया है। इसके कारण हमें कई

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प्रकार की समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। भाषण प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर वर्ग दसवीं की तुलसी कुमारी, द्वितीय स्थान पर नौवीं की दीपा कुमारी व तृतीय स्थान दसवीं की ही पर मुस्कान कुमारी रहीं। वहीं, अमन कुमार, वंदन कुमार, अमर कुमार सहनी, शिवम कुमार ठाकुर, ऋतु कुमारी, संजीली कुमारी, जाह्नवी कुमारी, रोहिणी कुमारी, हृर्षिता कुमारी, मुस्कान प्रवीण, चांदनी प्रवीण, सिमरन प्रवीण व कनिका कुमारी चौथे से सोलहवें स्थान के लिए प्रमाण-पत्र, मोमेंटो व मेडल प्रदान कर पुरस्कृत किया गया। मौके पर विद्यालय में अतिथियों ने पौधरोपण भी किया। कार्यक्रम का संचालन वरीय शिक्षक संजय कुमार चौधरी ने किया। शिक्षक दिलीप कुमार ठाकुर, दिलीप मंडल, राजा यादव, प्रमोद यादव, अजय पासवान, मो. मोख्तार आलम, मनीषा भारती, माला कुमारी व फाउंडेशन के राजकुमार गणेशन, अनिल कुमार, मनीष आनंद समेत दर्जनों छात्र व कर्मी कार्यक्रम में मौजूद थे।

 

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