जाले, देशज टाइम्स ब्यूरो। प्रखंड के कैशबुक जांच के दौरान डेढ़ करोड़ रुपए का कोई हिसाब नहीं मिल रहा है। वहीं नब्बे लाख रुपए विभिन्न कार्य योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए पंचायत सचिवों को आवंटित किया गया था, उस रुपए का वाउचार का कोई हिसाब-किताब नहीं है। पंचायत सेवक की ओर से नब्बे लाख रुपए की वसूली के लिए संबंधित पंचायत सेवकों को तत्काल रुपए की वसूली के लिए नोटिस जारी करने व सट्रिफिकेट केस करने का निर्देश आयुक्त मयंक बड़बड़े ने बुधवार को जाले प्रखंड कार्यालय में अपने निरीक्षण के दौरान बीडीओ राजेश कुमार को दिया।
उन्होंने प्रखंड कार्यालय परिसर स्थित सभी कार्यालयों का निरीक्षण कर संबंधित कार्यालय प्रमुख समेत प्रतिनियुक्त कर्मियों से उनके कार्यों व किए गए कामों के संबंध में वृस्तृत जानकारियां ली। आरटीपीएस कार्यालय के दोनों काउंटर समेत कौशल विकास केंद्र पहुंचकर दी जा रही शिक्षण प्रशिक्षण के आलोक में केंद्र के लर्निंग कॉन्सलेटर मिहिर कुमार चौधरी से पूछताछ के दौरान पूछा कि आपके केंद्र से प्रशिक्षित कितने लोगों को रोजगार मुहैया कराई गई है। इस प्रश्न का वह कोई जवाब नहीं दे सके। उन्हें दो चार के साथ एक प्रथम बैच के छात्र को शिक्षक के लिए अपने इसी केंद्र में रोजगार से जोड़ने की बात बताई। फिर वे कंप्यूटर क्लास के छात्रों से पूछताछ की।
आयुक्त की गाड़ी पहुंचते ही थानाध्यक्ष उमेश कुमार के नेतृत्व में पुलिसवालों ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर की सलामी दी। आयुक्त बड़बड़े ने देशज टाइम्स से बातचीत में कहा कि सबसे खराब स्थिति वाल विकास परियोजना की है। कमतौल के हरिजन दरवाजा के आंगनवाड़ी केंद्र संख्या 46 व पीएनबी चौक स्थित केंद्र संख्या 48 की जांच में बहुत ही घटिया स्थिति इन दोनों केंद्रों में देखने को मिली।यहां के आईसीडीएस की लचर स्थिति की रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजी जाएगी। साथ ही खाद्य आपूर्ति विभाग के संदर्भ में बहुत ही घटिया व भष्ट्राचार की चर्चा पर इन्होंने कहा कि आगे खाद्य आपूर्ति विभाग की जांच की तिथि तय कर व्यापक रूप से इसके सुधार की कार्रवाई की जानी है।
इनके साथ क्षेत्रीय विकास पदाधिकारी मनोज कुमार झा, आयुक्त के सचिव विनय कुमार व सहायक पप्पू कुमार भी पहुंचे थे।