जाले, देशज टाइम्स ब्यूरो। उत्तर बिहार भूकंप व बाढ़ चक्रवाती तूफान के दृष्टिकोण से अति संवेदनशील है। हम हिमालयी जोन में है। प्राकृतिक आपदा को देखते हुए हमें भवन तकनीक में सुधार करने की जरूरत है। शुक्रवार को बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकार की ओर से प्रखंड क्षेत्र के तीस राजमिस्त्रियों को भूकंप व बाढ़ रोधी भवन निर्माण के प्रशिक्षण के मौके पर विधियों पर प्रशिक्षक राजेश कुमार ने राजमिस्त्रियों से यह बात शुक्रवार को कही। आपदा प्रबंधन विभाग से भेजे गए भवन निर्माण के तकनीशियन की ओर से प्रशिक्षण के चौथे दिन विशेष रूप से आपदा से बचाव के लिए भवन के निर्माण में नई तकनीकी का प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षक सुनील कुमार ने प्रशिक्षणार्थी राजमिस्त्रियो को बताया कि भूकंप में हमेशा भवन जोड़ के पास से दरक कर गिरता है। इससे बचाव के लिए नई तकनीक अपनाने की जरूरत है। इन्होंने बताया कि लिंटर में प्रयोग होने वाले छर को कोने तक ही बनाया जाता है। मौके पर सीओ कमल कुमार, पंचायतराज के जन प्रतिनिधि व्यापार मंडल के अध्यक्ष वली इमाम बेग चमचम समेत अन्य मौजूद थे।
जाले ने जाना, भवन बनाने की अदभुत कला
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