दरभंगा, देशज टाइम्स ब्यूरो। डीएमसीएच में शनिवार को फिर बवाल हुआ। मेडिसीन विभाग में मरीज की मौत पर परिजनों का आक्रोश फूट पड़ा। परिजनों ने जमकर हंगामा मचाया। आक्रोशित लोग सड़क पर उतर आए। मेडिसीन विभाग के सामने सड़क जाम कर डॉक्टरों को
फांसी दो के नारे लगाए। इनका कहना था कि वरीय डॉक्टर थे नहीं, जो अभी पढ़ रहे हैं उन्हें डॉक्टर बना दिया गया है इसी वजह से मौत हुई। ऐसे गुनहगार डॉक्टरों पर सरकार कार्रवाई करे। उन्हें फांसी दे। लोगों का गुस्सा मेडिसिन वार्ड के डॉक्टरों व नर्सों पर ज्यादा था। मौके पर
बेंता ओपी प्रभारी अविनाश कुमार झा ने मोर्चा संभाला । नाराज लोगों को समझाया।जानकारी के अनुसार, एपीएम थाने छेत्र के सिरनिया के मो. सफी रहमान के पुत्र साठ वर्षीय पुत्र फुल मोहम्मद जो दमा व हार्ट रोग से पीड़ित होकर मेडिसीन विभाग में भर्ती थे। इससे पूर्व फुल का इलाज स्थानीय एक निजी नर्सिंग में चल रहा था। यहां लाने के साथ ही उनकी जांच हुई जिसमें रिपोर्ट नेगेटिव मिलने के साथ ही बीती रात उनकी तबीयत अचानक और बिगड़ गई। इससे घबराए परिजन चिकित्सकों को खोजने लगे लेकिन, एक भी वरीय डॉक्टर रात भर नहीं
मिले। आज सुबह फुल की मौत होने से नाराज परिजनों ने जमकर बवाल काटा। हंगामा के बाद पीजी डॉक्टर व नर्स कोने में दुबक गए। इधर, मेडिसीन विभाग के एचओडी डॉ. केके सिंह समेत पूरा अस्पताल प्रशासन कार्रवाई की बात कह रहा है। वहीं बेंता ओपी प्रभारी झा व प्रभारी अधीक्षक डॉ. बालेश्वर सागर ने लोगों को समझाकर शव के साथ परिजनों को घर भेज दिया है। इधर, यूनिट इंचार्ज डॉ. आरके दास का कहना है कि हार्ट व दमा रोग से ग्रस्त फुल के शरीर में प्रोटिन की कमी के कारण स्थिति पहले से ही गंभीर रहने के कारण उनकी मौत हो गई। वैसे, वरीय डॉक्टर रात को ड्यूटी नहीं करते इसके लिए सरकार को पता रहने के बाद भी कुछ नहीं हो रहा। इससे आए दिन मरीजों के साथ परिजनों को परेशानी होती है।