दरभंगा, देशज टाइम्स ब्यूरो। सांसद कीर्ति आजाद दरभंगा से एम्स को स्थानांतरित करने को लेकर तल्ख हैं। उन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री को सीधे तौर पर कसूरवार ठहराया। कहा, दरभंगा में एम्स स्थापित हो इसके पीछे केंद्र की मंशा कभी साफ नहीं दिखी। अब इसके खिलाफ उग्र जन आंदोलन ही विकल्प है। कहा कि, इस प्रस्ताव पर पूर्ण विचार के लिए प्रधानमंत्री ने समय नहीं दिया। केंद्र व प्रदेश सरकार की भूमिका पर सवाल उठाते कहा, सरकारों की मंशा मिथिलांचल की भोली जनता को छलने की है। केंद्रीय बजट में बिहार में दूसरा एम्स का प्रावधान किए जाने के बाद भी स्थल चयन करने में प्रदेश सरकार ने तीन सालों का समय निकाल दिया। भौगोलिक दृष्टि से दरभंगा का हक बनने के बाद भी चुनाव के समय राज्य सरकार ने डीएमसीएच परिसर का प्रस्ताव एक साजिश के तहत भेजा। अंतत: मानक का अनुरूप नहीं होने का बहाना बनाकर केंद्र सरकार ने प्रस्ताव को ठुकरा दिया। सांसद आजाद ने कहा, पटना व मुजफ्फरपुर के बाद दरभंगा का नाम स्मार्ट सिटी में होना चाहिए था लेकिन दरभंगा की हकमारी कर बिहार शरीफ का चयन किया गया। सांसद ने कहा, केंद्रीय बजट में बिहार के लिए दूसरा एम्स का प्रावधान किए जाने के बाद भी स्थल चयन में राज्य सरकार ने तीन वर्षों का समय जाया कर दिया।
भौगोलिक दृष्टिकोण से दरभंगा का हक बनने के बाद भी चुनाव के वक्त राज्य सरकार ने डीएमसीएच परिसर का प्रस्ताव एक साजिश के तहत भेजा। बाद में मानक के अनुरूप नहीं होने का बहाना बताकर केंद्र सरकार ने प्रस्ताव को ठुकरा दिया। यदि राज्य सरकार की मंशा सही रहती तो पूर्व में ही स्थल चयन कर भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई पूरी कर ली गई होती। उन्होंने मुख्यमंत्री पर आरोप लगाया कि संपूर्ण साजिश दरभंगा से एम्स को बिहारशरीफ नालंदा ले जाने की है। श्री आज़ाद ने कहा कि पटना, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, के बाद दरभंगा का चयन स्मार्ट सिटी में होना चाहिए था लेकिन स्मार्ट सिटी चयन में दरभंगा की हकमारी कर बिहारशरीफ का चयन किया गया जबकि मिथिला संस्कृति का प्रतिनिधित्व करने वाला शहर दरभंगा वंचित हो गया।
सुशासन का यही तकाजा है। मेडिकल, इंजीनियरिंग, पॉलिटेक्निक, आईटीआई, विश्वविद्यालय वर्षों पूर्व से दरभंगा में स्थापित है। वेटरनरी कृषि डेयरी, आईआईटीआईएमए जैसी एक भी प्रमुख संस्थान दरभंगा में इस दौरान नहीं खोला गया है। राज्य सरकार पर बरसते श्री आज़ाद ने कहा कि जून 2017 में राज्य सरकार से नागर विमानन मंत्रालय से दरभंगा में हवाई सेवा के लिए समझौता किया था। चूंकि मामला दरभंगा का था इसीलिए मुख्यमंत्री ने तीस एकड़ जमीन का आज तक अधिग्रहण नहीं किया।
2013 में स्वीकृत दरभंगा शहर के लिए ओवरब्रिज वर्षो बीतने के बाद भी जमीन अधिग्रहण नहीं कर चुनाव के वक्त दो सौ करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है। इसी प्रकार बजट में दरभंगा के लिए स्वीकृत आईटी साफ्टवेयर पार्क के लिए जमीन अधिग्रहण नहीं किया गया। लोगों को बरगलाने के लिए रामनगर आईटीआई परिसर में ही उद्घाटन की तैयारी चल रही है। सांसद श्री आज़ाद ने कहा कि सांसद आदर्श ग्राम पंचायत योजना की घोषणा कर प्रधानमंत्री ने सांसद व जनता को झांसा दिया है। उन्होंने कहा कि एम्स के लिए दरभंगा में जमीन अधिग्रहण के लिए अग्रेतर कार्रवाई नहीं हुई इस क्षेत्र में उग्र आंदोलन चलाया जाएगा।