
नवाह यज्ञ में मुज़फ्फरपुर के रहने राजेश कुमार वाले जलेबी के कारोबारी अपना अलग ही रूतबा कायम किए हुए हैं। कोई भी भक्त ऐसा नहीं जो यहां से बिना जलेबी खाए निकल जाए। राजेश देशज टाइम्स को बताते हैं, बीते पंद्रह सालों से लगातार दुकान लगाते आ रहे हैं। इनकी जलेबी खाने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। कुशल कारीगर के कारण इनकी दुकान इतनी प्रचलित है कि दुकान पर ग्राहकों की भीड़ देखने लायक होती है।
चंदन पांडेय, दरभंगा देशज टाइम्स ब्यूरो। श्रीरमेश्वरी श्यामा मंदिर में नवाह अहर्निश जारी है। दोपहर को महिलाओं की मंडली यहां आकर जम जाती है तो शाम को भक्तों का सैलाब उमड़ रहा है। संकीर्तन मंच पर महिलाओं की टोली के साथ गायिका डॉ. ममता ठाकुर सबके आकर्षण की केंद्र बनी हुई हैं। दिन में इन्हीं महिला कलाकरों के जिम्मे श्यामा माई जय श्यामा माई नवाह धुन का जिम्मा रहता है तो देर शाम से लेकर सुबह तक पुरूष कलाकार नामधुन गाते हुए पूरे माहौल को भक्तिमय कर दिया है। गुरुवार को भी पूरा पंडाल महिलाओं से भराहुआ था। जय श्यामा माई श्यामा माई श्यामा माई जय श्यामा माई नामधुन वाद्य यंत्रों के साथ चारों दिशाओं को गूंजायमान कर रहा था। श्यामा न्यास समिति की ओर से मंदिर परिसर में कार्यालय बनाया गया है। वहीं, विधि-व्यवस्था व चिकित्सकीय व्यवस्था भी शानदार
तरीके से काउंटर लगाकर हो रही है। इधर, घंटा घर के निकट लगातार हवन, जप, दीप का कार्य हो रहा है। प्रबंधक हेमचंद्र राय की देखरेख में संपूर्ण धार्मिक यज्ञ सुचारू रूप से चल रहे हैं। मां श्यामा मंदिर में जय श्यामा माई नामधुन की गूंज 27 नवम्बर से अनवतर जारी है । नवाह्न यज्ञ में भाग लेने के लिए उत्तर बिहार के विभिन्न जिलों के अलावा नेपाल से भी बड़ी संख्या में भक्तजन पहुंचने लगे हैं। मंदिर की साज-सजावट व अन्य तैयारी देखते ही बन रही। शाम होते ही पूरा परिसर दुल्हन की तरह सज जा रहा है।छह दिसम्बर तक निरंतर श्यामा धुन
चलता रहेगा। फूलों से सजा मंदिर: कोलकाता से गेंदा सहित अन्य फूलों से मंदिर को चारों ओर से सजा है। इसके साथ ही आकर्षक कृत्रिम फूलों से भी सजावट की गई है। आकर्षक प्रवेश द्वार अपने आप में विशिष्टता लिए हुए है। मंदिर के भीतर दर्शन के प्रवेश के लिए आकर्षक द्वार बनकर तैयार कर लिया गया है। इसे कृत्रिम फूलों से सजाया गया है। कीर्तन मंडली पंडाल की तैयारी देखते ही बन रही है।
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