दरभंगा, देशज टाइम्स। विश्वविद्यालय संगीत व नाट्य विभाग में कनक एंटरटेनमेंट के बैनर तले बनी हिंदी शॉर्ट फिल्म स्ट्रगल, डोंट क्विट का प्रदर्शन बुधवार को किया गया। फिल्म की कहानी पटना की सच्ची घटना पर आधारित है। यह फिल्म कनक एंटरटेनमेंट की ट्रेनिंग एवं डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत दस दिवसीय फिल्म अभिनय व निर्देशन क्लासेस के बाद विद्यार्थियों की ओर से बनाई गई है। फिल्म की अधिकांश शूटिंग पटना, मधुबनी, कोलकाता में की गई है। फिल्म स्ट्रगल डोंट क्विट का स्क्रिप्ट, डायलॉग व स्क्रीनप्ले सुमित ठाकुर ने किया है। संपादन विशाल भट्ट ने किया है। निर्देशक विश्वजीत निषाद का है। म्यूजिक अवधेश्वर दास, वॉयस रिकॉर्डिंग सुल्तान अहमद, स्पेशल इफैक्ट्स अंजनी कुमार धार ने दिया है। फिल्म में प्रमुख भूमिका निभाने वाले सुमित ठाकुर राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय, सिक्किम व विश्वविद्यालय संगीत व नाट्य विभाग, एलएनएम यूनिवर्सिटी दरभंगा के नाट्य संकाय के छात्र रह चुके हैं। नाट्य विभाग में आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन केके साहू, विभागाध्यक्ष डॉ. लावण्य सिंह काव्या ने करते हुए सभी कलाकारों समेत पूरी फिल्म की टीम को बधाई दी। खासकर, मिथिला विवि के नाट्य विभाग के छात्र व बतौर फिल्म में प्रमुख भूमिका निभाने वाले सुमित ठाकुर को आशीष दिया। फिल्म का प्रदर्शन ललित कला संकाय में किया गया।
फिल्म की शुरुआत कृष्णा व उसके दोस्तों से होती है। कृष्णा अपने दोस्तों को अपने सपने के बारे में बताता है। कहता है कि वह एक अभिनेता बनना चाहता है। तब उसके दोस्त उसे फिल्म में काम करने का रास्ता बताते हैं। दिक्कत तब आती है जब वह रास्ता शॉर्टकट होता है। कृष्णा इसकी परवाह किए बगैर उस ओर आगे बढ़ता है, लेकिन वह असफल होता है। उसकी पढ़ाई, समय व पूरी जिंदगी इसमें बर्बाद हो जाती है। फिर कृष्णा हारकर अभिनय छोड़ने का निश्चय करता है। अपने सपनों को छोड़कर कंपटीशन की तैयारी शुरू कर एक आम आदमी की तरह खुशी-खुशी जीवन बसर करने का निर्णय लेता है। फिल्म की कथा धीरे-धीरे अंजाम की ओर बढ़ती चली जाती है। कृष्णा इस दौरान कतई खुश नहीं रहता। तभी उसके दोस्त उसे प्रोत्साहित करते हैं। उसका मार्गदर्शन करते हैं कि वह अपने सपने को पूरा करने के लिए काफी दूर तक आ चुका है। अब पीछे हटने से कोई फायदा नहीं है। सभी दोस्त उसे रंगमंच से जुड़ने की सलाह देते हैं। कृष्णा संकल्प लेता है कि वह एक्टिंग ही करेगा। वह रंगमंच से जुड़ता है। समाज के विपरीत परिस्थितियों से लड़कर कई वर्षों तक रंगमंच करने के बाद राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में चयनित होता है। वहां से पढ़ाई करके वह वापस लौटता है और युवाओं को मार्गदर्शित करता है। यह फिल्म उन युवाओं को समर्पित है जिन्हें उचित मार्गदर्शन नहीं मिल पाता है। वैसे युवाओं के लिए भी है जो ग्लैमर की चकाचौंध को देखकर बिना मेहनत किए हुए शॉर्टकट का सहारा लेकर जल्दी सफलता प्राप्त करना चाहते हैं। एक सच्ची घटना पर बनी यह फिल्म स्ट्रगल, डोंट क्विट के माध्यम से युवाओं को उचित मार्गदर्शन तो मिलेगा ही और साथ ही साथ उन्हें अभिनय सीखने व रंगमंच से जुड़ने के फायदे के बारे में भी पता चलेगा। इस फिल्म के माध्यम से युवा निश्चित तौर पर मार्गदर्शित होंगे और शॉर्टकट का सहारा ना लेकर पूरी मेहनत और लगन से अपने लक्ष्य को हासिल करने में विश्वास करेंगे। यह फिल्म यूट्यूब पर भी आसानी से देखा जा सकता है। इस फिल्म की अवधि पचीस मिनट है। इस फिल्म में सुमित ठाकुर, विशाल भट्ट, विकास रंजन, विश्वजीत निषाद, संजीव झा, संजना सिंह, सिमरन सिंह, श्वेता ठाकुर, सोनाली बर्नवाल, रिया रंजन, मनीष गुप्ता, सत्यदेव, नीलम झा, स्नेहा, टीपू सुल्तान, राहुल, सनी, निहाल, अविनाश, सौरभ, राजन, पुष्कर ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।





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