दरभंगा, देशज टाइम्स ब्यूरो। शहरी क्षेत्र में कोढ़ा गैंग का दबदबा अब आम लोगों को जीने नहीं देने पर आमादा हो चुका है। शहर की पुलिस नाकामी की चादर में लिपटी है। स्थानीय पुलिस गिरोह तक पहुंचने में लगातार विफल है। नाकामयाबी का ही अंजाम है कि राह चलते लोग उसके शिकार हो रहे हैं और पुलिस कोने में दुबकी है। शनिवार को विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के प्राचार्य आरएस टैंक के डॉ. धर्मेंद्र कुमर के साथ हुई घटना पूरी पुलिस प्रशासन की व्यवस्था को शर्मसार करने से कम नहीं। जानकारी के अनुसार, प्राचार्य विश्वविद्यालय जाने के दौरान लहेरियासराय थाना क्षेत्र के रहमगंज की ओर से जा रहे थे। इसी दौरान पीछे से आकर उचक्कों ने उनके ड्राइवर को बोला कि गाड़ी से तेल लिक कर रहा है। आग लग जाएगी। गाड़ी रोककर ड्राइवर व डॉ. कुमर उतर कर गाड़ी का मुआयाना करने लगे और पिछले हिस्से को देखने लगे। इसी बीच उचक्कों ने डिक्की का बोनट खोल दिया। दूसरे उचक्के ने गाड़ी की सीट पर रखे बैग लेकर फरार हो गया। इस मामले में लहेरियासराय थाना को दिए आवेदन उन्होंने कहा है कि बैग में चेक बुक, पासबुक व कुछ अन्य जरूरी कागजात था। थानाध्यक्ष आरके शर्मा ने बताया कि आवेदन मिलने के साथ ही एफआईआर दर्ज कर ली गई है। मामले की तहकीकात तेज करते हुए जगह-जगह छापेमारी की जा रही है।
इधर, जन अधिकार छात्र परिषद ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। जन अधिकार छात्र परिषद ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के विश्वविद्यालय अध्यक्ष दीपक झा ने साफ शब्दों में प्रशासन को अल्टीमेटम देते देशज टाइम्स को बताया कि पुलिस प्रशासन निरीह हो चुकी है। शहर में कानून व्यवस्था नाम की चीज बची नहीं। पुलिस व अपराधियों का गठजोड़ अब साफ हो गया है। आम लोगों का जीना मुश्किल में है। श्री झा ने कहा कि जिस प्रकार लनामिवि के इतिहास विभाग के प्राचार्य डॉ. धर्मेंद्र कुमर के साथ रहमगंज मोहल्ला में उनकी गाड़ी पर ज्वलनशील पदार्थ छिड़ककर हमला किया गया और गाड़ी में वह बेहोश हो गए उस अवस्था में अपराधियों ने उनके गाड़ी से विभिन्न बैंकों का पासबुक महत्वपूर्ण विभागीय, व्यक्तिगत कागजातों को अपराधी उड़ा ले जा रहा है वो भी दिनदहाड़ यह पुलिस प्रशासन की निष्क्रियता का सीधा प्रमाण है। अपराधियों को संरक्षण देने का काम कर रही स्थानीय पुलिस एफआईआर तक नहीं ले रही है। ऐसी घटना को जन अधिकार छात्र परिषद ने गंभीरता से लिया है अगर समय रहते पुलिस प्रशासन सजग नहीं होता तो इसके खिलाफ आंदोलन ही एकमात्र विकल्प बचेगा। वहीं दीपक झा ने जिला प्रशासन से मांग करते हुए भय मुक्त समाज निर्माण में सार्थक भूमिका निभाने व तत्काल ऐसे अपराधी तत्वों पर कार्रवाई करने की मांग की है। साथ ही, ऐसे मामलों को प्राथमिकता से नहीं लेने वाले व एफआईआर लेने में आनाकानी करने वाले थाना प्रभारी को निलंबित करें। अन्यथा इस मामले को लेकर के जन अधिकार छात्र परिषद जिला प्रशासन का घेराव व अपराधियों पर अंकुश लगाने को लेकर आंदोलन करने पर मजबूर होगी।