दरभंगा, देशज टाइम्स ब्यूरो। संस्कृत विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित चौथे व अंतिम दिन के समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. सर्व नारायण झा ने कहा कि शैक्षणिक विकास के लिए भाषाई सबलता बहुत ही जरूरी है।इसलिए एक लंबी योजना बनाई गई है वह भी वैसे प्रधानाचार्यो के लिए जिनकी संस्कृत कमजोर है और वे इस भाषा में दक्ष नहीं हैं।बहुत जल्द विश्वविद्यालय अपने स्तर से प्रधानाचार्यों के लिए कम से कम दस दिनों का मुख्यालय में प्रशिक्षण शिविर लगाने जा रहा है। भोजन-पानी के साथ निःशुल्क आवासीय व्यवस्था की जाएगी और पूरा दिन उन्हें संस्कृत ही बोलने-लिखने के लिए बताया जाएगा। एक बार में दस प्रधानाचार्यो को शिविर में बुलाने का प्रस्ताव है।
जानकारी देते हुए पीआरओ निशिकांत ने बताया कि गत चार दिनों से मुख्यालय में चल रहे कार्यक्रमों में छात्रों व अतिथि शिक्षकों की ओर से प्रतिपादित व्याख्यान व संभाषण के साथ शास्त्रार्थ के स्तर को देखकर कुलपति चकित व हतप्रभ थे और इसके लिए उन्होंने छात्र संघ अध्यक्ष मनोरंजन कुमार झा समेत सभी की जमकर तारीफ भी की। कुलपति ने कॉलेजों में घूम घूम कर संस्कृत संभाषण कराने के संकल्प को दुहराते हुए कहा कि उनकी दिली इच्छा है कि राजभवन व महिषी में शास्त्रार्थ सभा का आयोजन हो और उसकी अध्यक्षता स्वयं कुलाधिपति करें। इसके लिए एक पत्र भी राजभवन भेजा गया है।
वहीं मुख्य अतिथि विधान पार्षद डॉ. दिलीप कुमार चौधरी ने कुलपति के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि कालेजों में छात्रों की संख्या बढ़ानी होगी। खुद आर्थिक दान देकर कालेजकर्मियों को आगे बढ़ने के लिए उन्होंने प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि जिस सोच व उद्देश्य से महाराजाधिराज ने इस विश्वविद्यालय की स्थापना की थी उसे वर्तमान कुलपति प्रो0 झा एकदम साकार कर रहे हैं।इसी तरह विशिष्ट अतिथि पूर्व कुलानुशासक व सीसीडीसी डॉ. गोविंद झा ने कहा कि प्राच्य विषयों के अनुराग से इस बार का स्थापना दिवस समारोह ऐतिहासिक व गौरवशाली रहा। उन्होंने संस्कृत चेतना अभियान को फिर से शुरू करने की वकालत की।उन्होंने सभी से संस्कृत को समृद्ध करने के लिए संकल्पित होने को कहा।धन्यवाद ज्ञापन प्रो. सुरेश्वर झा ने जबकि मंच संचालन प्रो. शशिनाथ झा ने किया।
व्याकरण व ज्योतिष में हुआ शास्त्रार्थ
समापन समारोह के पहले सत्र में व्याकरण के प्रत्याहार पर अतिथि शिक्षक डॉ. विजय कुमार मिश्र व डॉ. प्रियंका तिवारी के बीच शास्त्रार्थ हुआ। इसमें मुख्य अतिथि थे पूर्व कुलपति प्रो0 विद्याधर मिश्र व विशिष्ट अतिथि थे सिंडिकेट सदस्य डॉ. कन्हैया चौधरी व सीनेट सदस्य सुनील भारती। डॉ. दयानाथ झा के संयोजन में हुए इन कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे थे प्रो. सुरेश्वर झा और पर्यवेक्षक थे प्रो. शशिनाथ झा। वहीं दूसरे सत्र में ज्योतिष के कलमानम विषय पर अतिथि शिक्षक डॉ. वरुण कुमार झा व डॉ. विकास कुमार के बीच काफी देर तक शास्त्रार्थ हुआ। बीच बीच मे अध्यक्ष कुलपति स्वयं जिज्ञासा कर रहे थे।यह कार्यक्रम सेवानिवृत प्रो0 उदिष्ट नारायण झा के पर्यवेक्षण में सम्पन्न हुआ। इसी मौके पर सफल प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र भी दिया गया।बेहतर भविष्य व उन्नति के साथ राष्ट्रगान के बाद कार्यक्रम समाप्त किया गया।