दरभंगा, देशज टाइम्स ब्यूरो। सुई-धागे चलाकर अपने जीवन को संवारने का हुनर जिस तरह से महिलाओं को सिखाकर उन्हें सशक्त बनाने का कार्य डॉ. प्रभात दास फाउंडेशन कर रही है, वो अनुकरणीय है। इस विद्या को सीखकर आज सैंकड़ों महिलाएं अपना जीवन यापन सफलता पूर्वक कर रही हैं। यह बात स्वयंसेवी डॉ. प्रभात दास फाउंडेशन की ओर से वार्ड दो मोहल्ला सुंदरपुर बीरा (डेरा) हनुमान मंदिर परिसर में गत 75 दिनों से चल रहे निःशुल्क सिलाई प्रशिक्षण शिविर के समापन कार्यक्रम में प्रमाण-पत्र वितरण करते हुए स्थानीय समाजसेवी मनोज झा ने कही। कहा कि जब महिलाएं अर्थ उपार्जन करने लगती हैं तो वो आत्मनिर्भर बनने के साथ-साथ सशक्त भी बन जाती हैं। सिलाई तो ऐसी कला है जिसे एक महिला दूसरी महिला को आसानी से सिखा देती हैं। प्रशिक्षिका शोभा देवी ने देशज टाइम्स को बताया कि इस शिविर के माध्यम से कुल 42 महिलाओं को हुनरमंद बनाया गया है। शिविर में ब्लाउज, पेटिकोट, छोटे-छोटे बच्चों के कपड़े, सूट समेत लेटेस्ट डिजाइन सिलना सिखलाया गया है। समापन कार्यक्रम का संचालन फाउंडेशन के अनिल कुमार सिंह ने करते हुए फाउंडेशन की चल रही योजनाओं के बारे में बताया। मौके पर पूजा कुमारी, चांदनी कुमारी, अमिषा कुमारी, शिवानी कुमारी, आरती कुमारी, सोनी कुमारी, राधा देवी, रेणू देवी, गुड़िया देवी, राजनंदनी सिंह, आरती देवी, पूजा देवी, जुली देवी समेत दर्जनों लोग मौजूद थे।
महिलाएं बनीं डिजाइनर, हुनरमंदी से जिंदगी में लाएगी प्रभात
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