आकिल हुसैन मधुबनी, देशज टाइम्स ब्यूरो। देशज टाइम्स ब्यूरो। मिथिला स्टूडेंट यूनियन ने मिथिला विकास बोर्ड की स्थापना व केंद्र सरकार से एक लाख करोड़ के पैकेज की मांग के साथ मिथिला के पिछड़े क्षेत्र के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए यूनियन दिल्ली में विशाल लॉग मार्च कर; नीति आयोग को मिथिला को स्पेशल बोर्ड बनाने का अपना मेमोरेंडम सौंप चुकी है। यूनियन के जिला अध्यक्ष शशि अजय झा ने कहा कि वर्षों से केंद्र व राज्य के सत्ता पर आसीन कुर्सी प्यारों ने मिथिला के साथ सौतेला व्यवहार करने का काम किया है। मिथिला की संपन्नता इनलोगों के मिथिला विरोधी नीति के कारण खो गई है। मिथिला के संस्कृति व भाषा का संरक्षण व विकास के लिए वर्तमान सरकार कुछ नही सोच रही है। मिथिला में व्याप्त कुव्यवस्था, आरजकता, अशिक्षा, गरीबी, पलायन, भुखमरी, स्वास्थ्य की असुविधा को दुरुस्त व जनलाभकारी बनाने को लेकर सरकार की कोई भी ठोस व आमजन हितैषी नीति नहीं है । इसीलिए संविधान के धारा 371(ए-जे) में विकास के आधार पर ऐसे क्षत्रों जो उद्योग-धंधे व मिलों के बंद होने से बेरोजगारी-पलायन व गरीबी चरम पर है। श्री झा ने कहा कि मिथिला जैसे क्षेत्रों के विकास के लिए विशेष व्यवस्था मिथिला विकास बोर्ड से ही संभव है। इसी संदर्भ में अपनी आवाज जन-जन तक पहुंचाने व जनआक्रोश मूकबधिर सरकार को सुनाने को लेकर दो दिसंबर को एमएसयू की ओर से पचास हजार आम जनता की रैली करने का निर्णय राज मैदान में किया है। यहां मिथिला विकास बोर्ड की आवाज सत्तालोभी के कानों तक पहुंचाया जाएगा।
मिथिला विकास बोर्ड की चाहत में मूकबधिर सरकार की बोलती खोलेगी एमएसयू
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