मई,21,2024
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मैथिली भाषा के स्तंभ महेंद्र मलंगिया के रंग में सजेगा देश की राजधानी

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मैथिली भाषा के स्तंभ महेंद्र मलंगिया के रंग में सजेगा देश की राजधानी कुंदन राय, नई दिल्ली देशज टाइम्स ब्यूरो। दिल्ली समेत कई महानगरों में अभी महाकवि विद्यापति समेत मैथिली भाषा के विद्वानों के स्मृति पर्व मनाने का सिलसिला चल रहा है। इन सबों के बीच एक मैथिली साहित्य व सांस्कृतिक कार्यक्रम ऐसा भी है जो मैथिली भाषा के समृद्ध स्तंभ व पर्याय बन चुके महेंद्र मलंगिया के जीवित रहते हुए मनाया जा रहा है और यह इस भाषा के लिए सौभाग्य की बात है। इस कार्यक्रम का नाम है मलंगिया महोत्सव। इस कार्यक्रम की प्रतीक्षा सभी मैथिली प्रेमियों को रहता है। इस बार मैथिली के बहुचर्चित नाटककार महेंद्र मलंगिया पर केंद्रित दो-दिवसीय मलंगिया महोत्सव का आयोजन आठ व नौ दिसंबर को स्थानीय मंडी हाउस में किया जा रहा है। मलंगिया फाउंडेशन की ओर से व मैथिली-भोजपुरी साहित्य अकादमी ,दिल्ली सरकार के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस अंतरराष्ट्रीय मैथिली साहित्य व सांस्कृतिक महोत्सव के आयोजन के लिए मैथिली साहित्य महासभा सहयोगी संस्था के रूप में आगे आयी है। जानकारी के अनुसार, मैथिली साहित्य महासभा अमरनाथ झा की अध्यक्षता में काम कर रही है। इसके महासचिव सुनीत ठाकुर हैं। इस कार्यक्रम में माया एनजीओ भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। तपन झा की अध्यक्षता में माया की ओर से व सुनीत ठाकुर व अमरनाथ झा के नेतृत्व में मैथिली साहित्य महासभा प्रदेशों में रह रह रहे मिथिला मैथिलों के उत्थान के लिए काफी सक्रिय भूमिका निभा रही है।

मैथिली भाषा के स्तंभ महेंद्र मलंगिया के रंग में सजेगा देश की राजधानी

 मैथिली साहित्य के समृद्धि को समझने का मिलेगा मौका

महोत्सव में मैथिली साहित्य के सर्वकालिक महान नाटककार महेंद्र मलंगिया लिखित नाटक का मंचन किया जाएगा। साथ ही मिथिला के लोक साहित्य-लोक संस्कृति विषय पर सेमिनार का भी आयोजन किया जाएगा। सेमिनार में मधुबनी, दरभंगा, पटना, सहरसा, दिल्ली, जनकपुर, काठमांडु, कोलकाता के नामचीन विद्वान व समीक्षक अपने आलेख का पाठ करेंगे। महोत्सव में कई नाट्य दल अपनी प्रस्तुति देंगे। यह जानकारी मलंगिया फाउंडेशन के अध्यक्ष ऋषि कुमार झा ने देशज टाइम्स को दी। इस साहित्य व सांस्कृतिक उत्सव में भारत समेत नेपाल के कई बड़े नामचीन रंगकर्मी व साहित्यकार  शिरकत करेंगे। दो दिन का यह महोत्सव कुल पंद्रह सत्रों में विभाजित होगा।

मैथिली भाषा प्रेमियों के लिए अवसर, जानिए महेंद्र कोमैथिली भाषा के स्तंभ महेंद्र मलंगिया के रंग में सजेगा देश की राजधानी

बिहार के मधुबनी जिला के मलंगिया गांव के रहने बाले महेंद्र मलंगिया मैथिली भाषा के  सुपरिचित नाटककार, रंगमंच निर्देशक व मैलोरंग के संस्थापक अध्यक्ष रहे हैं। इन्होंने लोक साहित्य पर गंभीर शोध किया है। इनकी ओर से मैथिली में तेरह नाटक, 19 एकांकी, 14 नुक्कड़ व दस रेडियो नाटक प्रकाशित आ आकाशवाणी से प्रसारित किया गया है। सीनियर फेलोशिप (भारत सरकार), इंटरनेशनल थिएटर इंस्टिच्यूट (नेपाल), प्रबोध साहित्य सम्मान आदि से सम्मानित महेंद्र मलंगिया मैथिली साहित्य के एक समृद्ध स्तंभ के रूप में जाने जाते हैं। इनकी ओर से किया गया शोध कार्य: सलहेस: एकटा ऐतिहासिक अध्ययन, विरहा: मिथिलाक एकटा लोकरूप, सामा चकेबा: लोकनाट्यक एक अवलोकन, सलहेसक काल निर्धारण, विद्यापतिक उगना, शिवक गण, मधुबनी एकटा नगर अछि, हम जनकपुर छी, ई जनकपुर अछि।इनके द्वारा लिखित दो पुस्तकें ओकरा आंगनक बारहमासा व काठक लोक ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगाक मैथिली पाठ्यक्रम में शामिल है।  दो पुस्तक  त्रिभुवन विश्वविद्यालय, काठमाण्डू केर एम.ए. पाठ्यक्रम में शामिल है।साथ ही दर्जनों आलेख और  किताब सेकेंडरी व हायर सेकेंडरी पाठ्यक्रम में शामिल है। भारत व नेपाल के सांस्कृतिक सौहार्द्र संबंध में नाटककार महेंद्र मलंगिया के योगदान को समान रूप से सराहा जाता है।

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