
अवधेश, मनीगाछी, देशज टाइम्स ब्यूरो। सकरी-हरनगर रेल लाइन के जगदीशपुर स्टेशन को अतिक्रमणकारियों ने घेर लिया है। स्टेशन की जमींन पर दबंग खेती कर रहे हैं। स्टेशन के पास खुद का टिकट काटने वाला नहीं है। उधार की जिंदगी पर असुविधाओं के बीच, शौचालय, बिजली के बिना यात्री बेदम हो रहे हैं। संपर्क पथ को चालू नहीं करने व सिग्नल प्रणाली के बिना स्टेशन सिर्फ नाम मात्र का ही दिख रहा हां यह दीगर है कि यहां से तीन जोड़ी ट्रेनों का परिचालन होता है लेकिन असुविधाओं के बीच यात्री हर वक्त मुश्किल परेशानियों से खुद को जकड़ा महसूस करते हैं। यहां यात्रियों की सुविधा का कतई ख्याल नहीं रखा जा रहा। असुविधाओं के बीच यात्री सफर कर रहे।
सुबह छह बजे से रात दस तीस बजे तक दौड़ती हैं असुविधाओं के बीच हर दिन ट्रेनें
जानकारी के अनुसार, प्रतिदिन इस रेल खंड पर तीन जोड़ी ट्रेनों का परिचालन होता है। ठंड के मौसम में सुबह छह बजे हरनगर से चलकर जगदीशपुर आती ट्रेन जो समस्तीपुर को जाती हैं। वहीं आठ बजे दरभंगा से चलकर जगदीशपुर स्टेशन पर आती ट्रेन जो हरनगर को जाती है। इसके साथ ही दोपहर बारह बजे हरनगर से चलकर जगदीशपुर को आने वाली ट्रेन जो दरभंगा को जाती है इसके अलावे शाम में दरभंगा से चलकर जगदीशपुर पांच बजे आती है जो हरनगर को जाती है। रात आठ बजे हरनगर से चलकर जगदीशपुर होते हुए दरभंगा को जाती है। एक ट्रेन रात्रि के दस बजकर तीस मिनट पर दरभंगा से चलकर हरनगर के लिए प्रस्थान करने का समय है जो कभी नियत समय पर आती है तो कभी-कभी दो से तीन बजे रात्रि को।

छोटे शेड, अंधेरे में बेचैनी के बीच कटती यात्रियों की सफर
यात्रियों के सुविधा के नाम पर मात्र कुछेक छोटे शेड प्लेटफार्म पर दिखाई पड़ते हैं। यहां न तो शौचालय की सुविधा है और न ही कोई सुरक्षा की कोई व्यवस्था। यहां रौशनी को अंधेरे में खोजते रह जाएंगें क्योंकि इसकी भी कोई व्यवस्था नहीं है,जबकि रात्रि में ट्रेन का ठहराव है। अभी तक सिग्नल प्रणाली चालू नहीं हो सका है। रेलवे गुमती स्टेशन के दोनों ओर बनकर तैयार है। संपर्क पथ भी तैयार है लेकिन इसे चालू नहीं किया गया। टिकट घर में टिकट काटने के लिए किराए के आदमी से काम चलाया जा रहा है। यहां गाड़ियों के लिए पार्किंग की भी कोई व्यवस्था नहीं है। स्टेशन परिसर में निर्मित भवनों पर अवैध कब्जा कर लिया गया है। रेलवे की खाली पड़ी जमीन पर स्थानीय दबंग लोगों का कब्जा है। लगभग बीस एकड़ जमीन पर गेहूं, मसूरी व सरसों की खेती की गई है जो बिना रेलवे विभाग के कर्मी के मिलीभगत से संभव नहीं है। प्लेटफार्म पर ही कब्जा कर रेलकर्मी से मिलीभगत कर कई चाय-पान, नाश्ता का दुकान खोला जा चुका है। इस स्टेशन से इलाके के लगभग दस पंचायत के लोग यात्रा करते हैं।





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