दरभंगा, देशज टाइम्स ब्यूरो। सांसद कीर्ति आजाद ने रविवार को हवाई सेवा समेत स्वास्थ्य व्यववस्था को अब तक मिथिला में स्थापित व सही संचालन शुरू नहीं करने को लेकर नीतीश सरकार का बिना लिए प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा। कहा कि प्रदेश सरकार की मंशा मिथिलांचल के विकास को लेकर कभी गंभीर नहीं रहा। यही वजह है कि हवाई सेवा से लेकर एम्स तक से आज तक दरभंगा वंचित है। अब भले दरभंगा से हवाई सेवा शुरू करने की कवायद तेज हुई है लेकिन इसको लेकर नीतीश सरकार कभी गंभीर नहीं दिखी। ना ही एम्स को लेकर कभी साकारात्मक सोच ही दिखा।
यही वजह है कि दोनों ही मामले साल-दर-दर ठंडे बस्ते में पड़ा रहा और यहां की जनता उसका लाभ आज तक नहीं उठा पाई। अब हमारी कोशिश के बाद दरभंगा में हवाई सेवा शुरू होने जा रहा है जिसका पहला कदम चौबीस दिसंबर को हम उठाने जा रहे हैं जब केंद्रीय नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु, राज्य मंत्री जयंत सिन्हा यहां परियोजना का विधिवत शुभारंभ करने दरभंगा पहुंच रहे हैं।
रविवार को अपने आवास पर पत्रकारों से मुखातिब सांसद श्री आजाद ने बेबाक तरीके से सवाल दर सवालों से प्रदेश सरकार को घेरते दिखे। कहा, दरभंगा से हवाई सेवा शुरू करने की प्रदेश सरकार की कभी मंशा नहीं रही। इसी वजह से तीस एकड़ जमीन अधिग्रहण मामले को लटकाकर रख दिया गया है। फिर भी केंद्र सरकार रक्षा मंत्रालय के स्वामितत्व वाली जमीन पर कार्य आरंभ किया गया है।सांसद श्री आजाद ने साक्ष्य के साथ प्रदेश सरकार पर हमलावर होते सवाल दागते कहा, उड़ान तीन में दरभंगा को शामिल नहीं किया गया था।
आठ दिसंबर 15 को उनकी अगुवाई में उत्तर बिहार के सभी सांसदों ने दरभंगा से हवाई सेवा शुरू करने की मांग के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करते हुए संयुक्त ज्ञापन सौंपा था। यह उसी का फलाफल है। दरभंगा में हवाई सेवा आरंभ करने के लिए नगर विमानन मंत्रालय ने कार्यवाही शुरू की। सांसद श्री आजाद ने कहा कि मिथिला के प्रति प्रदेश सरकार का रवैया सदैव उपेक्षित व नाकारात्मक रहा है। यही वजह है, पूरा इलाका हर जरूरतों के लिए आज टकटकी में है। लोगों में घोर निराशा है। महज तीन एकड़ जमीन अधिग्रहण को लेकर रेल मंत्रालय से दरभंगा शहर के स्वीकृत पांच ओवर ब्रिज पिछले पांच सालों से नहीं बने हैं।
इसे प्रतिदिन हजारों लोगों को गंभीर जाम से जूझना पड़ रहा है। शहर कराह रहा है। सांसद श्री आजाद ने तल्ख अंदाज में कहा, 2014-15 के बजट में बिहार के लिए स्वीकृत दूसरे एम्स के स्थल चयन में चार वर्ष लगा दिया गया। कायदे से यह कार्य अगर वर्ष 2014 में कर लिया गया होता तो आज दरभंगा में एक्स कार्य कर रही होती। लोगों को स्वास्थ्य का भरपूर लाभ मिल रहा होता। दरभंगा मेडिकल कॉलेज बिहार का सबसे बड़ा कॉलेज है।
इसके पास लगभग 257 एकड़ जमीन है। एम्स के लिए दो सौ एकड़ जमीन की जरूरत है। मेडिकल कॉलेज के लिए न्यूनतम बीस एकड़ की जरूरत है। जाहिर है, मेडिकल कॉलेज का अस्तित्व हर हाल में बरकरार रहे व अतिरिक्त भूमि में एम्स स्थापित हो। सांसद श्री आजाद ने कहा, कम से कम एम्स व डीएमसीएच में सौ-सौ छात्रों के लिए एमबीबीएस की सीट तय हो तभी दरभंगा समेत संपूर्ण उत्तर बिहार के लोगों को वास्तवित लाभ मिल सकेगा। मौके पर सांसद श्री आजाद ने कई बार केंद्रीय कई मंत्रियों पर भी निशाना साधा, उनकी ईमानदारी व सच्चाई पर सवाल उठाए।