सिंहवाड़ा, देशज टाइम्स संवाद। सिंहवाड़ा में राजमिस्त्रियों के प्रशिक्षण शिविर पर सवाल उठ गए हैं। प्रखंड प्रशासन के प्रति नाराजगी व आक्रोशित राजमिस्त्री शनिवार को प्रखंड मुख्यालय पहुंचकर अपनी भड़ास निकाली। कहा कि उन्हें प्रशिक्षण में बुलाया ही नहीं गया जबकि इसमें से कई ऐसे मिस्त्री भी जिनका इलाके में नाम है और हजारों मकान बना चुके हैं। इसमें से एक जो पैंतालीस वर्षों से इस कार्य में जुटे ने बताया कि प्रखंड प्रशासन की मनमानी से राजमिस्त्रियों में आक्रोश है। मौके पर अशोक मंडल ने कहा, वे युवा हैं और उन्हें भी प्रशिक्षण से दूर रखा गया। वहीं चंदर मंडल ने कहा कि उन्हें बुजुर्ग रहने के बाद भी नहीं बुलाया गया जबकि अब तक उनके कैरियर में ऐसा कभी नहीं आया जब वो प्रशासन की ओर से उपेक्षित किए गए हों। शनिवार को मुख्यालय पर जुटे राजमिस्त्रियों से जब देशज टाइम्स ने बात की तो उनका गुस्सा फूट पड़ा। कहा कि कुछ खास पंचायतों को ही इसमें शामिल कर खानापूरी की गई है। इन मिस्त्रियों ने देशज टाइम्स को बताया कि सबसे अधिक राजमिस्त्री सिंहवाड़ा उत्तरी पंचायत में ही हैं। पूरे इलाके के लोग यहीं से मिस्त्रियों को आमंत्रित कर अपने भवन या व्यवसायिक प्रतिष्ठानों का निर्माण करवाते हैं बाबजूद इस पंचायत को पूरी तरह उपेक्षित छोड़ दिया गया है। हमारी आवाज को सुनने वाला कोई नहीं है। प्रशिक्षण के चार दिन बीत जाने के बाद भी हमें नहीं बुलाया गया। सुनिए उन्हीं की जुबानी…।