पंजाब की आप सरकार ने बड़ा फैसला किया है। Punjab सरकार ने 56 सरकारी स्कूलों के नाम बदल दिए हैं। इन स्कूलों के नाम जाति और बिरादरी से जुड़ी थी जिसे खत्म करते हुए आप सरकार ने कहा, अब गांव चमकेगा। यह फैसला शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस की घोषणा के बाद किया गया है।
जानकारी के अनुसार, जाति और बिरादरी के आधार पर रखे गए सरकारी विद्यालयों के नाम बदलने का आदेश जारी किये जाने के कुछ सप्ताह बाद पंजाब सरकार ने 56 सरकारी स्कूलों के नाम बदल दिये हैं।
स्कूल शिक्षा विभाग ने प्राथमिक और उच्च विद्यालयों समेत 56 सरकारी स्कूलों के नाम बदल दिये हैं। इन स्कूलों के नाम अब उस गांव के नाम पर, जहां वे स्थित हैं, या किसी प्रसिद्ध हस्ती, शहीद या स्थानीय नायक के नाम पर रखे गये हैं।
विभाग ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों और प्रारंभिक शिक्षा विभाग से उनके अधिकार क्षेत्र में संचालित जाति आधारित स्कूलों के बारे में रिपोर्ट मांगी थी। आम आदमी पार्टी (आप) की पंजाब इकाई ने शुक्रवार को सरकार के इस कदम का स्वागत किया।
सत्तारूढ़ पार्टी की राज्य इकाई ने एक ट्वीट में कहा, स्कूलों के नाम गांव, या किसी स्थानीय नायक, शहीद या किसी जानी-मानी हस्ती के नाम पर रखे गये हैं। जिन स्कूलों के नाम बदले गये हैं, उनमें पटियाला जिले के 12, मानसा के सात, नवांशहर के छह और संगरूर और गुरदासपुर के चार-चार तथा फतेहगढ़ साहिब, बठिंडा, बरनाला और मुक्तसर के तीन-तीन स्कूल शामिल हैं।
बैंस ने एक दिसंबर को राज्य के उन सभी सरकारी विद्यालयों के नाम बदलने के आदेश जारी किये थे, जिनके नाम किसी जाति और बिरादरी के आधार पर रखे गये हैं। बैंस ने कहा था, ‘‘राज्य के कई सरकारी विद्यालयों के नाम किसी जाति से जुड़े होने के कई मामले सामने आए हैं।’’ उन्होंने कहा था कि इससे समाज में जातिगत अलगाव को बढ़ावा मिलता है।
उन्होंने कहा था कि पंजाब के सरकारी विद्यालयों में सभी विद्यार्थियों को समानता के आधार पर शिक्षा दी जा रही है, इसलिए सरकारी विद्यालयों के नाम किसी वर्ग विशेष या जाति से संबंधित नहीं हो सकते।