नदियों में पानी खत्म होने के बाद लोग जहां जलसंकट से परेशान हैं, वहीं खनन माफिया इसको बागमती नदियों में लग गए हैं। सूखी नदियों के रास्तों पर अवैध रूप से रेत और मिट्टी का उत्खनन (Big news from Gaighat, mining mafia entered the rivers) शुरू हो गया है। जीवन दायिनी कही जानी वाली बागमती नदी का सीना इन दिनों रेत माफिया छलनी करने में लगे हैं।
- झलकी:
- गायघाट में नदियों में उतरे खनन माफिया
- बागमती नदी में अवैध खनन कर निकाल रहे रेत-मिट्टी,
हो रहे हैं मालामाल, खनन पदाधिकारी से शिकायत, - नदियों में पानी खत्म होने से जहां लोग परेशान
- वहीं सरकार को भी नुकसान
- मानसून के पहले रेत निकाल कर स्टॉक कर रहे हैं माफिया
- बरसात में बेचेंगे ऊंचे दामों पर पढ़िए पूरी रिपोर्ट…
नदियों में रोजाना रेत का अवैध तरीके से खनन का खेल लगातार जारी है। नदियों में अवैध रूप से चल रहे रेत उत्खनन कार्य से जहां शासन को लाखों रुपए के रॉयल्टी का नुकसान हो रहा है, वहीं दूसरी ओर पर्यावरण को भी नुकसान पहुंच रहा है।
इसके साथ ही नदियों के अस्तित्व पर संकट भी गहराता जा रहा है। कई जगह नदियों में रेत की खदान इतने ज्यादा बढ़ गए है कि वहां जनजीवन पर भी इसका असर दिखने लगा है। जानकारी के मुताबिक रेत के इस अवैध कारोबार में गायघाट और कटरा प्रखंड के बार्डर पर स्थित बलुआ गांव के आसपास हो रहा है।
रात के अंधेरा में दबंग लोगों का खेल चल रहा है, जो दिन और रात रेत का अवैध कारोबार चला रहे हैं। इस मामले में रोक लगाने के लिए जन अधिकार पार्टी के प्रखंड अध्यक्ष श्याम राय ने जिला खनन पदाधिकारी को आवेदन देकर शिकायत की हैं।