राजस्थान के सैकड़ों डॉक्टर्स से करोड़ों रुपए का फ्रॉड करने वाले ठग को जयपुर पुलिस ने शनिवार को अरेस्ट किया है। वह उत्तर प्रदेश से बैठकर राजस्थान के डॉक्टर्स से हेल्थ डिपार्टमेंट का अफसर बनकर ठगी करता था।
आरोपी पर डॉक्टर्स से कुल 43 ठगी के मामले दर्ज हैं। जो सरकारी योजनाओं का बकाया पैसों पास करवाने के नाम पर प्राइवेट हॉस्पिटल के डॉक्टर्स को क्यूआर कोड भेजकर रकम वसूलता था।
डीसीपी (वेस्ट) संजीव नैन ने बताया, ठग अंकित जायसवाल उर्फ सुमित जायसवाल (32) लखनऊ (उत्तरप्रदेश) में टेडी बाजार रकाबगज का रहने वाला है। उसे लखनऊ से गिरफ्तार किया गया है।
पूछताछ में आरोपी महाठग ने सैकड़ों डॉक्टर्स ने करोड़ों रुपए की ठगी करना स्वीकार किया है। राजस्थान के जयपुर, अलवर, चूरू, जौधपुर, झून्झूनू, बाडमेर, बूंदी, भीलवाडा, करौली, दौसा, जालौर, कोटा, पाली, नागौर, गंगानगर, सिरोही के डॉक्टर्स से कुल 43 ठगी के मामले हैं। उन वारदातों के संबंध में हॉस्पिटल से व्यक्तिगत कॉन्टैक्ट कर तस्दीक की जा चुकी हैं।
ठग अंकित जायसवाल से पूछताछ में सामने आया है कि वह उत्तर प्रदेश में बैठकर ठगी करता था। ऑनलाइन हॉस्पिटल की जानकार लेता था। फिर किसी राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना, भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना, चिरंजीवी योजनाओं से जुड़े प्राइवेट हॉस्पिटलों से कॉन्टैक्ट करता। खुद को हेल्थ डिपार्टमेंट का जूनियर अकांउटेंट होना बताता। योजनाओं का पैसा पास करवाने के नाम पर जुड़े हॉस्पिटलों के डॉक्टर्स को कॉन्टैक्ट कर लालच देता। कॉन्टैक्ट के दौरान डॉक्टर्स को खुद का नाम अंकित, सुमित, आकाश पांडे, संजय, सुनील, शोभित वगैराह बताता था।
अंकित के खिलाफ सिरसी रोड स्थित राजगिरीश हॉस्पिटल के डॉ. रजन अग्रवाल ने 8 फरवरी को बिंदायका थाने में एफआईआर दर्ज करवाई थी। आरोपी अंकित जयसवाल, उसकी मां सुमन, भाई शोभित और पत्नी संध्या दुबे ने पीडि़त को कॉल कर गुमराह किया था। पीडि़त के हॉस्पिटल आकर मुलाकात की. आरोपी ने खुद की रजिस्ट्रर्ड निवेश कंपनी होने की बात बताकर 20-30 प्रतिशत प्रॉफिट का झांसा दिया। धोखा देकर 1.80 करोड़ रुपए ऐंठ लिए।