गुजरात से इस वक्त बिहार से जुड़ी बड़ी खबर आ रही है। जहां, गुजरात के सूरत में बिहार एसटीएफ ने कटिहार के बरारी में पांच लोगों की हत्या में फरार चार अपराधियों को दबोचा है। सभी गिरफ्तार अपराधी सुमन कुंवर, अमन तिवारी, धीरज सिंह और अभिषेक राय उर्फ टाइगर अपराधी कर्मी मोहन ठाकुर गिरोह के सदस्य बताए जा रहे हैं। इनकी तलाश पुलिस को थी जब दो दिसंबर को कटिहार के बरारी में पांच लोगों की हत्या कर सभी फरार हो गए थे। इन्हें पकड़ने में गुजरात पुलिस की क्राइम ब्रांच ने भी बिहार एसटीएफ की मदद की। पढ़िए पूरी खबर
जानकारी के अनुसार, बिहार पुलिस की विशेष कार्यबल एसटीएफ ने गुजरात के सूरत जिले के बड़ोदरा थाना क्षेत्र से कुख्यात अपराधी कर्मी मोहन ठाकुर गिरोह के चार सदस्यों को दबोचा है जो भागलपुर के बाकरपुर थाना पीरपैंती के रहने वाले हैं। सिटी एसपी पूर्वी ने आज मीडिया को बताया है कि गिरफ्तार आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। सभी आरोपियों को पास्को एक्ट के तहत सजा दिलवाने के लिए कागजी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
जानकारी के अनुसार, दो दिसंबर को सीमा पुरोबी बरारी कटिहार की दियारा क्षेत्र में वर्चस्व को लेकर मोहन ठाकुर तथा उसके गिरोह के सदस्यों ने पांच लोगों की हत्या कर दी गई थी। इस संबंध में बरारी कटिहार थाना कांड संख्या 397/22 और कांड संख्या 403/ 22 अंकित किया गया है। इस हत्याकांड में उपरोक्त गिरफ्तार चारु नामित आरोपी अब तक फरार थे।
जानकारी के अनुसार, बिहार एसटीएफ को जानकारी मिली कि चारों गुजरात राज्य के सूरत जिले के कडोदरा थाना क्षेत्र में छिपे हुए हैं। बिहार पुलिस के विशेष कार्यबल की एक टीम ने गुजरात पहुंचकर क्राइम ब्रांच सूरत के सहयोग से चारों को गिरफ्तार कर लिया। चारों को बिहार लाया जा रहा है। कुख्यात अपराधी सुमन कुंवर भागलपुर जिला के पीरपैंती थाना के 11 कांडों में, कटिहार जिला की बरारी थाना की 7 कांडों में तथा मनिहारी थाना के एक कांड में अर्थात कुल 19 कांडों में आरोपित किया था।
इससे पहले वर्ष 2018 में कटिहार के बरारी थाना अंतर्गत मोहना चांदपुर पंचायत के समदा गांव में गोलियों की तड़ तड़ा हट से लोग दहशत में तब आ गए थे जब गंगा दियरा का आतंक कहे जाने वाले मोहन ठाकुर के भाई ईश्वर ठाकुर को गोली मार कर मौत के घाट उतार दिया गया था।
मृतक ईश्वर ठाकुर को अपराधियो ने एक गोली बाए हाथ में तथा दो गोली उसके सीने में मारी गयी थी। हत्या के वाद ईश्वर ठाकुर की लाश को अपने साथ अपराधी लेकर चले गये। बाद में बरारी गंगा नदी के दियारा में छोड़ कर भाग गये। वहीं मृतक के पिता सुदामा ठाकुर के बयान पर बरारी थाने में मामला दर्ज कर लिया गया था। इसके बाद से ही वहां वर्चस्व की लड़ाई चल रही थी।