नेपाल सरकार ने ज्यादा ब्याज वसूलने को अपराध घोषित करने वाला कानून बनाने का फैसला किया है। इससे पहले आज से पांच साल पहले नेपाल सरकार ने नोटों को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए नया कानून पारित किया था जो वर्ष 18 के 18 अगस्त से लागू हुआ था।
इस कानून के तहत नोट पर कुछ लिखने, उसे फाड़ने, जलाने या फिर उस पर लाइन आदि खींचने पर तीन माह तक की जेल की सजा का प्रावधान तय किया था। साथ ही, पांच हजार रुपए का जुर्माना भी लग सकता है।
अब ताजा मामला ज्यादा ब्याज वसूलने को लेकर है जिसे सरकार नेअपराध घोषित करने का फैसला किया है। इसके लिए कानून बनाया जाएगा। यह फैसला मंगलवार को मंत्रिपरिषद की बैठक में किया गया। नेपाल सरकार के कानूनी ढांचे के भीतर ऐसे ऋणों को अपराध घोषित करने के लिए अधिनियम में संशोधन किया जायेगा।
सरकार की प्रवक्ता एवं संचार मंत्री रेखा शर्मा ने बताया कि मंत्रिपरिषद की बैठक में ज्यादा ब्याज वसूलने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और ऐसे ऋणों को अपराध घोषित करने के लिए कानून में संशोधन करने का निर्णय लिया गया है।
दरअसल, जिस तरह बैंक और वित्तीय संस्थान ऋण देते समय जिस तरह अचल संपत्ति बंधक के तौर पर रखते हैं, उसी तरह महाजन भी ऋण से कई गुना अधिक अचल संपत्तियों को पंजीकृत करके अपने नाम पर लिखवाने का गोरख धंधा कर रहे हैं। ऐसे लोग ऋणदाता से रोजाना या साप्ताहिक ब्याज वसूल करते हैं और वसूली न होने पर उसे ऋण राशि में ही जोड़ देते हैं।
अधिक ब्याज वसूली से सैकड़ों पीड़ित 11 दिनों से पैदल चलकर न्याय की मांग करने के लिए काठमांडू आए हैं। वे हर दिन धरना और प्रदर्शन कर रहे हैं।