बिहार के उत्तरी जिलों में नदियों के जलस्तर कुलाछें मार रहीं हैं। जलस्तर में इजाफा से त्राहिमाम की नौबत अभी से दिखने लगी है। नदियों में प्रचंड वेग दिख रहा है। समस्तीपुर में हालात बिगड़ने की आशंका है। यहां कई गांवों में तेजी से कटाव हो रहा है।
मानसून की बारिश शुरू क्या हुई बाढ़ की नौबत पैदा हो गई है। इसकी असली वजह नेपाल है जहां हुई जबरदस्त बारिश से बागमती उफान पर है। इससे समस्तीपुर समेत कई इलाकों में तेजी से कटाव हो रहा है। कटाव के कारण दर्जन भर गांव पर संकट मंडराने लगा है।
अलग-अलग स्थानों पर कटाव रोकने के लिए फल्ड कंट्रोल की ओर से बोरी का बंडाल बनाया जा रहा है, लेकिन बागमती की धारा के सामने वह टीक नहीं पा रहा है। विभाग की ओर से कटावरोधी कार्य जारी है। मगर, स्थानीय ग्रामीण इससे नाखुश हैं।
जानकारी के अनुसार,समस्तीपुर जिले की भगौलिक स्थित ऐसी है कि बारिश के दिनों में कई गांव को एक ओर से शांति नदी ओर दूसरी ओर से बागमती का दंश झेलना पड़ता है। ऐसे में, नेपाल से आये पानी से बागमती नदी का कटाव बढ़ गया है।
नामापुर के वार्ड 4 के पास तेज कटाव ने लोगों को परेशान कर दिया है। कटाव की वजह से कल्याणपुर प्रखंड के नामापुर गांव के लोगों के घर व जमीन कटाव की भेंट चढ़ चुके हैं। कटाव रोकने के लिए फल्ड कंट्रोल की ओर से बोरी का बंडाल लगाया जा रहा है। बागमती की धारा के सामने वह टीक नहीं पा रहा है। करीब 50 मीटर में निर्माणाधीन बंडल धंस भी गया।
प्रभावित लोग विस्थापित होकर दूसरे स्थानों पर मकान बना कर रह रहे हैं। प्रशासन की ओर से किए जा रहे उपाय नाकाफी साबित हो रहे हैं। कटाव स्थल पर फ्लड कंट्रोल के अभियंता तौफिर आलम का कहना है कि कटाव के कारण बंडाल के धंसने की सूचना के बाद मंगलवार शाम से राहत कार्य शुरू किया गया है। हालात फिलहाल नियंत्रण में है।
जानकारी के अनुसार, नेपाल से आए पानी की वजह से बागमती नदी में कटाव तेज हो गया है। नामापुर के वार्ड चार के पास तेज कटाव ने लोगों को परेशान कर दिया है। प्रशासन की ओर से किए जा रहे उपाय नाकाफी साबित हो रहे हैं। बागमती में कटाव को रोकने के लिए मजदूर लगे हुए हैं। करीब 50 मीटर में निर्माणाधीन बंडल धंस भी गया।
ग्रामीणों की मानें तो कटाव को रोकने के लिए स्थाई समाधान की जरूरत है। कुछ दिन पहले ही बोरी डाल कर कटाव रोकने के कोशिश हुई लेकिन सैकड़ों बोरी नदी में समा चुकी है। कटाव के कारण जमीन में बड़ी दरारे आ गई हैं। वहां की जमीन जल्द ही नदी में समा जाएगी। कटाव स्थल पर फ्लड कंट्रोल के अभियंता तौफिर आलम का कहना है कि कटाव के कारण बंडाल के धंसने की सूचना के बाद मंगलवार शाम से राहत कार्य शुरू किया गया है। हालात फिलहाल नियंत्रण में है।