भीलवाड़ा जिले के बागोर थाना इलाके में भाई-बहन के अटूट प्यार की कहानी सामने आई है। यहां बहन की मौत से उसके चचेरे भाई को इतना गहरा सदमा लगा कि वह उसकी जलती चिता में कूद पड़ा। हालांकि उस समय तो लोगों ने उसे चिता से निकालकर बचा लिया। लेकिन इलाज के दौरान करीब 30 घंटे बाद उसने दम तोड़ दिया।
प्रत्यक्षदर्शी मृतका के परिजन हीरालाल भील ने बताया कि मांकियास निवासी सुखदेव के चाचा की बेटी की मौत हो गई थी। इससे सुखदेव सदमे में आ गया। वह गुमशुम हो गया। गुरुवार को उसका अंतिम संस्कार किया गया था।
मोक्ष धाम में चिता को अग्नि देने के बाद परिवार के लोग और अन्य रिश्तेदार वहां बैठे थे। इसी दौरान सुखदेव पहले बाथरूम करने गया। उसके बाद अचानक बहन की जलती हुई चिता में कूद गया।
लोगों ने आनन-फानन में सुखदेव भील को जलती हुई चिता से बाहर निकाला। लेकिन तब तक सुखदेव बुरी तरह से जल गया। बाद में उसको तत्काल भीलवाड़ा के जिला अस्पताल ले जाया गया।
वहां उसकी गंभीर हालत को देखते हुए प्राथमिक उपचार देकर उदयपुर रेफर कर दिया गया। उदयपुर में बीती देर रात इलाज के दौरान सुखदेव भील की मौत हो गई।
परिजनों ने बताया कि दोनों भाई बहन में बेहद प्रेम था। बहन की मौत की खबर सुनते ही सुखदेव ने चुप्पी साध ली थी। परिजन बेटी की मौत से उबर ही नहीं पाए थे परिवार के जवान बेटे की मौत के बाद तो उनका और बुरा हाल हो गया।
इस हादसे के बाद गांव में मातम पसर गया। पुलिस ने सुखदेव के शव का पोस्टमार्टम करवाकर उसे उसके परिजनों को सौंप दिया है। ग्रामीण पीड़ित परिवार को ढांढस बंधाने में लगे हुए हुए हैं।