नक्सल प्रभावित क्षेत्र गया से बड़ी खबर सामने आई है। जहां 2 कुख्यात नक्सलियों ने पुलिस के आगे आत्मसमर्पण किया है। मिली जानकरी के अनुसार, गया पुलिस, कोबरा, CRPF और SSB ने संयुक्त रूप से दो नक्सलियों को सरेंडर कराया है।
वहीं इस कार्रवाई को बिहार सरकार के आत्मसमर्पण नीति के तहत किया गया है।यहां आयोजित एक समारोह में 2 हार्डकोर नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।
सरेंडर करने वाले नक्सली प्रदीप सिंह भोक्ता और दिनेश भुइयां हैं। वही मामले को लेकर SSP ने बताया कि प्रदीप सिंह बचपन से ही नक्सली संगठन में शामिल हो गया था और भाकपा माओवादी के लिए काम कर रहा था।
वहीं, दिनेश भैया नक्सलियों के सहयोगी के रुप में कार्य कर रहा था। सरेंडर करने वाले प्रदीप सिंह भोक्ता ने बताया कि नक्सली संगठन में रहते हुए हमारे समक्ष घर की परेशानी, आर्थिक तंगी, रोजगार का संकट खड़ा हो गया था।
ऊपर से जान कब है कब नहीं इसका डर अलग से सता रहा था। वही इस बीच जिला पुलिस, CRPF, कोबरा, SSB के अधिकारियों के सम्पर्क में आया।
उनसे प्रेरित होकर आत्मसमर्पण का मन बनाया और अब मुख्य धारा से जुड़ कर परिवार हित में काम करूंगा। वही SSP आशीष भारती ने बताया कि प्रदीप भोक्ता बड़े बड़े नक्सली वारदात में शामिल रहा है। वर्ष 2019 में प्रदीप सिंह भोक्ता ने नक्सली संगठन के लुटवा में नक्सली घटना को अंजाम दिया था।
इसमें CRPF के सब इन्स्पेक्टर रोशन सिंह शहीद हो गए थे। उन्हें आईईडी ब्लास्ट कर उड़ा दिया गया था। वही इसके अलावा वह वर्ष 20, 21 व 22 में भी नक्सली घटनाओं को अंजाम देने में शामिल रहा है। वही आगे SSP ने बताया कि प्रदीप भोक्ता मध्यम श्रेणी का नक्सली रहा है। वहीं दिनेश नक्सलियों का सहयोग करता था।
SSP ने बताया कि आत्मसमर्पण नीति के तहत दोनों नक्सलियों को ढाई-ढाई लाख रुपए मिलेंगे। ये रुपये प्रदीप और दिनेश के खाते में एफडी के रूप में जमा होगा। जो 3 साल बाद वह इस्तेमाल करेगा। वही इसके अलावा यदि ये दोनों कोई स्वरोजगार योजना के तहत प्रशिक्षण लेते हैं तो उन्हें 10 हजार रुपए स्टाइपेंड के रूप में मिलेंगे।
नक्सलियों ने वरीय पुलिस अधीक्षक आशीष भारती की उपस्थिति में आत्मसर्मपण कर दिया। जिला पुलिस का दावा है कि नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान का सकारात्मक पहल देखने को मिल रहा है। आत्मसमर्पण करने वाले दोनों नक्सलियों का पुलिस अधिकारियों ने फूल-माला पहनाकर स्वागत किया।
एसएसपी आशीष भारती ने बताया कि विगत कई माह से सीआरपीएफ, कोबरा, एसएसबी एवं जिला पुलिस नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लगातार अभियान चला रही है। पुलिस के अभियान से प्रभावित होकर आज प्रदीप सिंह भोक्ता और दिनेश भुईयां उर्फ उमेश ने आत्मसमर्पण किया है।
इन्होंने दो राइफल एवं 57 जिंदा कारतूस के साथ आत्मसमर्पण किया है। आत्मसमर्पण नीति के तहत इनका स्वागत किया गया एवं मुख्यधारा से जुड़ने के लिए सरकार से मिलने वाली योजनाओं का लाभ इन्हें दिलाया जाएगा।
प्रदीप सिंह भोक्ता पर गया और औरंगाबाद जिला के विभिन्न थानों में 11 मामले दर्ज है। जबकि दिनेश सिंह की भी कई नक्सल कांडों में पुलिस को तलाश थी। इन लोगों के द्वारा झारखंड के भी कई क्षेत्रों में नक्सली कांड को अंजाम दिया गया था।