ढाका से बड़ी खबर है जहां हिन्दूओं और मंदिरों पर हमले की बढ़ती घटनाओं से देश का हिंदू समुदाय सकते में हैं।जहां पश्चिमोत्तर बांग्लादेश के 14 मंदिरों में तोड़फोड़ की घटना सामने आई है। मंदिरों पर हमला कर मूर्तियों को खंडित कर दिया। कुछ मंदिरों की मूर्तियाँ नजदीकी तालाब में मिली हैं।
कई जगहों पर 14 मंदिरों में तोड़फोड़ की और मूर्तियों को क्षति पहुंचाई गई। ठाकुरगांव जिले के बलियाडांगी में हिंदू समुदाय के नेता विद्यानाथ बर्मन ने कहा कि असामाजिक तत्वों ने रात में 14 मंदिरों में हमलों को अंजाम दिया और मूर्तियों के साथ तोड़फोड़ की गई।
उपजिला की पूजा समारोह परिषद के महासचिव बर्मन ने कहा कि कुछ मूर्तियां खंडित की गई हैं, जबकि कुछ मूर्तियां पास के तालाब में पाई गईं। उन्होंने कहा कि अपराधियों की पहचान अभी नहीं हो पाई है। हमारी मांग है कि जल्द से जल्द से उन्हें पकड़ा जाए। पढ़िए पूरी खबर
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जानकारी के अनुसार, ठाकुरगंज जिले में अज्ञात हमलावरों ने 14 हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ कर देवी-देवताओं की मूर्तियों को तालाब में फेंक दिया। प्रशासन का दावा है कि इलाके की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। हालांकि घटना के दो दिनों बाद भी अबतक किसी की गिरफ्तारी की सूचना नहीं है।
निशाना बने मंदिर ठाकुरगांव जिले के बलियाडाँगी उपजिला में स्थित हैं। यहाँ धनतला यूनियन के सिंदूरपिंडी इलाके में 9 मंदिरों, परिया यूनियन के कॉलेजपाड़ा इलाके में 4 मंदिरों और चरोल यूनियन के शाहबाजपुर नाथपारा इलाके में स्थित 1 मंदिर को निशाना बनाया गया।
बलियाडांगी उपजिला के हिंदूवादी संगठन के नेता विद्यानाथ बर्मन ने कहा है, “अज्ञात लोगों ने रात में 14 मंदिरों में तोड़फोड़ की। बीते कई महीनों से बंग्लादेश में हिंदुओं और उनके धार्मिक स्थलों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। कुछ मूर्तियाँ मंदिर में ही नष्ट कर दी गईं। वहीं कुछ मूर्तियाँ मंदिरों के पास स्थित तलाब में मिली हैं। मंदिरों पर हमला करने वाले अब तक पकड़े नहीं गए हैं। हम चाहते हैं कि उन्हें जल्द से जल्द पकड़ा जाए।”
एक अन्य हिंदूवादी नेता एवं यूनियन परिषद के अध्यक्ष समर चटर्जी ने कहा है कि इस क्षेत्र में पहले कभी कोई ऐसी घटना नहीं हुई। इस इलाके को धार्मिक सद्भाव के लिए जाना जाता था। मुस्लिमों का हिंदुओं से कोई विवाद नहीं है। लेकिन जिस तरह से हमले हुए हैं, उसे देखकर ऐसा लगता है कि उपद्रवियों ने बड़ी संख्या में एकजुट होकर हमले को अंजाम दिया है।
बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई ओइक्य परिषद के संयुक्त महासचिव मोनिंद्र कुमार नाथ ने सोमवार को हिन्दुस्थान समाचार को बताया, “ठाकुरगांव जिले के बलियाडांगा उपजिला में तीन संघों के मंदिरों के विभिन्न देवी-देवताओं की 14 मूर्तियों को तोड़ा गया। हम इस घटना से स्तब्ध हैं। साम्प्रदायिक हमलों से प्रभावित तीन यूनियनों में धनतला यूनियन के पास वर्तमान में 80 फीसदी, परिया संघ में 75 फीसदी और चारोल संघ में 45 फीसदी हिन्दू रहते हैं। आजादी से पहले और आजादी के बाद इन इलाकों में ऐसी घटना पहले कभी किसी ने नहीं देखी।”
जानकारी के मुताबिक मंदिर के कुछ हिस्से, देवी-देवताओं की मूर्तियों को तोड़ा गया है। स्थानीय निवासियों को इलाके में तालाबों के टूटे हुए हिस्से मिले। पुलिस को तुरंत सूचना दी गई। बलियाडांगी थाने की पुलिस जांच कर रही है।
ढाका ट्रिब्यून के मुताबिक ठाकुरगांव के उपायुक्त एमडी हमबूब रहमान ने कहा है कि मंदिरों पर हमला करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने पुलिस अधीक्षक और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ घटनास्थल का दौरा किया। उन्होंने कहा कि इलाके की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
मनिंद्र कुमार नाथ ने कहा, ”घटना के दो दिन बीत जाने के बाद भी किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। मैंने ठाकुरगांव के पुलिस अधीक्षक से बात की है। उन्होंने उनकी गतिविधियों के बारे में बताया। हम उनकी बातों पर भरोसा नहीं कर सकते। अगर इस तरह की घटनाओं में किसी की गिरफ्तारी भी होती है तो उसे जमानत पर रिहा कर दिया जाता है। अगर पहले की घटनाओं में कार्रवाई की जाती तो ऐसी घटनाएं बार-बार नहीं होतीं। प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पिछले चुनावी घोषणापत्र में वादा किया था कि वे धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए कानून और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग बनाएंगे। अभी तक इस पर कोई विचार नहीं किया गया है।”
बलियाडांगी के एक हिंदू समुदाय के नेता बैद्यनाथ बर्मन के शब्दों में, “अज्ञात बदमाशों ने यहां तीन संघ क्षेत्रों में 14 मंदिरों में तोड़फोड़ की। कहीं प्रतिमा तोड़कर तालाब में फेंक दी गई। हम इस बात को लेकर पूरी तरह अंधेरे में हैं कि ये हमलावर कौन हैं और उन्होंने ऐसा क्यों किया। मैं उन्हें गिरफ्तार कर कड़ी से कड़ी सजा की मांग करता हूं।”
संघ परिषद के अध्यक्ष समर चट्टोपाध्याय कहते हैं, ‘यहां हमेशा सौहार्दपूर्ण माहौल रहता है। मुस्लिम समुदाय से हमारे अच्छे संबंध हैं। हिंदुओं पर इतना बड़ा हमला इससे पहले कभी नहीं हुआ। मुझे समझ नहीं आया कि यह किसने किया।”
बलियाडांगी थाना प्रभारी खैरूल अनम ने हालांकि स्पष्ट रूप से कहा कि यह सुनियोजित हमला था। बदमाशों का मकसद इलाके में शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ना था। लेकिन जो भी दोषी होगा उसे कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी।







