गिरफ्तारियां स्वयं में एक षड्यंत्र?
उन्हें इस बात से आपत्ति है कि इतने बड़े मामले मंे जो गिरफ्तारियां हो रही हैं वह स्वयं में एक षड्यंत्र हैं। इन गिरफ्तारियों की तुरंत न्यायिक जांच होनी चाहिए।
अखिलेश ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर कहा –
उत्तर प्रदेश शासन.प्रशासन हाथरस हादसे में अपनी नाकामी छुपाने के लिए छोटी.मोटी गिरफ्तारियां दिखाकर सैकड़ों लोगों की मौत से अपनी जिम्मेदारी का पल्ला झाड़ना चाहता है। अगर ऐसा हुआ तो इसका मतलब ये निकलेगा कि इस तरह के आयोजन में हुई शासनिक.प्रशासनिक विफलता से किसी ने कोई सबक नहीं लिया और ऐसी दुर्घटनाएं भविष्य में भी दोहरायी जाती रहेंगी।
…तो फिर भाजपा सरकार को सत्ता में रहने का कोई हक नहीं
सपा प्रमुख का कहना है कि शासन.प्रशासन किसी खास मंशा से व्यर्थ में ऐसे लोगों को गिरफ्तार कर रहा है जो मूल आयोजन स्थल से दूर थे और गिरफ्तारी के बाद उनको ही दोषी ठहराये जाने की तैयारी कर रहा है। ये गिरफ्तारियां स्वयं में एक षड्यंत्र हैं। इन गिरफ्तारियों की तुरंत न्यायिक जांच होए जिससे उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार का खेल जनता के सामने लाया जा सके।
उप्र शासन-प्रशासन ‘हाथरस हादसे’ में अपनी नाकामी छुपाने के लिए, छोटी-मोटी गिरफ़्तारियाँ दिखाकर सैकड़ों लोगों की मौत से अपनी ज़िम्मेदारी का पल्ला झाड़ना चाहता है। अगर ऐसा हुआ तो इसका मतलब ये निकलेगा कि इस तरह के आयोजन में हुई शासनिक-प्रशासनिक विफलता से किसी ने कोई सबक़ नहीं लिया और… pic.twitter.com/JTopRml0SL
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 6, 2024
अगर भाजपा सरकार ये कहती है कि ऐसे आयोजन से उसका कोई लेना.देना नहीं था तो फिर भाजपा सरकार को सत्ता में रहने का कोई हक नहीं। इस कार्यक्रम में आये अधिकांश गरीब लोग दुखीए शोषितए पीड़ितए वंचित और दलित थे। इस आधार पर इसका मतलब तो ये भी निकलता है कि ऐसे लोगों से भाजपा सरकार का कोई सरोकार नहीं है जबकि सबसे पहले सरकार का ध्यान ऐसे लोगों की तरफ ही जाना चाहिए।
कुल मिलाकर सपा प्रमुख भोला बाबा के सत्संग में मरने वालों की जाति गिनकर सियासी रोटियां सेंकने में लगे हैं।
(व्यक्त किए गए विचार उनके निजी हैं)