अनोखी शादी यह भी है। इससे पहले एक युवती खुद से शादी करने की जिद लिए कार्ड बांट रही है। वह खुद दुल्हा भी है और खुद ही दुल्हन भी है। इसके लिए उसने कई पंडितों से संपर्क किया है। इसी महीनें उसकी या उसका शादी है। वहीं, इधर एक और दिलचस्प शादी से जुड़ी खबरें आ रही है।
मंदिरों के दो महंत पालतू मवेशियों की शादी कराकर समधी भी बन गए हैं। हिंदू रीति से शादी के गवाह बने बाराती भी जमकर शादी का लुत्फ उठाया। बारात सौंखर के मनासर बाबा से परछछ पहुंची। मामला, उत्तर प्रदेश के हमीरपुर का है जहां रविवार को जनपद में एक अनोखी शादी संपन्न हुई।
बताया जाता है कि सौंखर एवं सिमनौडी गांव के बीहडों में मनासर बाबा शिव मंदिर है। इस मंदिर के महंत स्वामी द्वारिका दास महाराज हैं। उन्होंने अपने पालतू कुत्ते कल्लू का विवाह मौदहा क्षेत्र के परछछ गांव के बजरंगबली मंदिर के महंत स्वामी अर्जुन दास महाराज की पालतू कुतिया भूरी के संग तय किया है। शादी शुभ मुहूर्त पांच जून रविवार को तय थी।
जानकारी के अनुसार, दो संत आपस में अपने पालतू मवेशियों का विवाह धूमधाम से कराकर एक दूसरे के हमेशा के लिए समधी बन गए। बारात की सारी रस्में हिंदू रीति रिवाज के तहत निकासी, द्वारचार, भांवरे, कलेवा, विदाई के साथ संपन्न हुई। इस अनोखी शादी की चर्चा पूरे क्षेत्र में होती रही।
तय तिथि के अनुसार द्वारका दास महाराज एवं अर्जुन दास महाराज ने अपने शिष्यों, शुभचिंतकों को कार्ड भेजकर विवाह समारोह में शामिल होने का आग्रह किया। बारात मनासर बाबा शिव मंदिर से गाजे-बाजे के साथ रवाना हुई और सौंखर गांव की गलियों में भ्रमण करके धूमधाम से गाजे-बाजे के साथ निकासी कराई।
इसके बाद बारात मौदहा क्षेत्र के परछछ गांव के लिए रवाना हुई। यहां पर बजरंगबली मंदिर के महंत स्वामी अर्जुन दास महाराज ने बारात की भव्य अगवानी की और स्वागत सत्कार के बाद द्वारचार, चढ़ावा, भांवरों, कलेवा की रस्म पूरी कराकर बरात को धूमधाम के साथ ससम्मान विदा किया।
दूल्हा दुल्हन को नए कपड़े पहनाए गए थे। साथ ही सोने चांदी के जेवरात भी इनके शरीर पर शोभायमान थे। बारातियों के लिए कई तरह के व्यंजन तैयार कराए गए थे। यह अनोखी शादी पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है। बरात में दोनों पक्षों की तरफ से तकरीबन 500 लोग शामिल हुए ।



