तेलुगु देशम पार्टी (TDP) प्रमुख और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू को गिरफ्तार किया गया है। टीडीपी ने इस बारे में जानकारी दी है। भ्रष्टाचार के मामले में आपराधिक जांच विभाग (CID) ने शनिवार की सुबह नायडू के खिलाफ कार्रवाई की. नायडू के खिलाफ 2021 में मामला दर्ज किया गया था।
नायडू को सुबह तड़के नांदयाल से उस समय गिरफ्तार किया गया, जब वे शहर के आरके फंक्शन हाल स्थित अपने कैंप में आराम कर रहे थे। उन्हें गिरफ्तार करने नांदयाल रेंज के डीआईजी रघुरामी रेड्डी और सीआईडी के नेतृत्व में भारी पुलिस फोर्स पहुंची थी।
चंद्रबाबू नायडू के बेटे और टीडीपी नेता नारा लोकेश को पूर्वी गोदावरी जिले में पुलिस ने हिरासत में लिया है। टीडीपी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लोकेश का वीडियो भी जारी करते हुए बताया है कि पुलिस ने उन्हें (लोकेश) चंद्रबाबू नायडू से मिलने जाने से रोक दिया।
सीआईडी और पुलिस की टीम नायडू को गिरफ्तार करने सुबह 3 बजे ही पहुंच गई थी, लेकिन पूर्व सीएम की सुरक्षा में तैनात विशेष सुरक्षा बल ने उन्हें रोक दिया और कहा कि नियम के मुताबिक वे सुबह 5.30 बजे से पहले किसी को नायडू के पास जाने नहीं देंगे। उस समय नायडू अपने कारवां (खास तौर पर तैयार बस) के अंदर सो रहे थे। आखिरकार सुबह 6 बजे पुलिस ने बस का दरवाजा खटखटाया और नायडू को गिरफ्तार किया गया।
चंद्रबाबु नायडु के गिरफ्तारी के दौरान पुलिस को वहां मौजूद टीडीपी समर्थकों के गुस्से का भी सामना करना पड़ा। समर्थकों ने पुलिस को चंद्रबाबू नायडु के वाहन के पास जाने से रोक रहे थे, लेकिन सुबह के छह बजे पुलिस ने नायडू को उनके वाहन से बाहर निकाला और गिरफ्तार किया। डीआईजी ने कहा उन्हें एपी कौशल विकास निगम घोटाले में गिरफ्तार किया गया है।
गिरफ्तारी के बाद चंद्रबाबू नायडू ने मीडिया से कहा, ‘मैं किसी भी भ्रष्टाचार मामले में शामिल नहीं हूं। सीआईडी बिना किसी सबूत के मुझे गिरफ्तार की है। मैंने जब उनसे सबूत मांगा तो उन्होंने मुझे दिखाने से इनकार कर दिया और मेरा नाम एफआईआर में जोड़ दिया।
आंध्र प्रदेश के कौशल विकास घोटाले की जांच ईडी द्वारा भी की जा रही है। कुछ माह पहले ईडी ने इस घोटाले की आरोपी कंपनी डिजाइनटेक सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड की 31 करोड़ रुपये कीमत की संपत्ति भी अटैच की थी।
आरोप है कि इसी कंपनी के जरिए सरकारी योजना का पैसा शैल कंपनियों को ट्रांसफर किया गया, साथ ही फर्जी इनवॉइस तैयार की गईं। ईडी मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से मामले की जांच कर रही है।
ईडी ने इस मामले में सीमेन्स कंपनी के पूर्व एमडी सोम्याद्री शेखर बोस, डिजाइनटेक कंपनी के एमडी विकास विनायक खानवेलकर, पीवीएसपी आईटी स्किल्स प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड और स्किलर एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ मुकुल चंद्र अग्रवाल, सीए सुरेश गोयल के खिलाफ मामला दर्ज किया था।