बेगूसराय। हमेशा से प्राकृतिक विपदाओं का पर्याय बना बिहार एक बार फिर मानसून की चपेट में आ गया है। मानसून के बादलों ने अपना रुख बिहार की ओर कर लिया है।
जिसके कारण शुक्रवार से ही विभिन्न हिस्सों में रुक-रुक कर बारिश हो रही है। मौसम की परिस्थितियों को देखते हुए मौसम विज्ञान केंद्र ने बिहार में भारी बारिश की आशंका में है तथा राज्य के कई हिस्सों में गरज के साथ बारिश की चेतावनी देते हुए 14 जून तक ‘येलो अलर्ट’ जारी किया है।
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार प्रशासन ने संभावित भारी वर्षा एवं वज्रपात के मद्देनजर अनावश्यक रूप से अपने घरों से बाहर नहीं निकलने की अपील किया है। विशेष तौर पर कृषि एवं पशुपालन से जुड़े लोगों को खुले में रहने के बजाए पक्के घर में शरण लेने की सलाह दी गई है।
डीएम अरविंद कुमार वर्मा ने बताया कि वज्रपात तथा तेज आंधी चलने की प्रबल संभावना है। साथ ही राज्य के उत्तर पश्चिमी जिलों के साथ-साथ गंगा नदी से सटे जिलों में कहीं-कहीं भारी वर्षा होने की प्रबल संभावना है। वर्षा एवं वज्रपात के मद्देनजर किसी भी प्रकार की जान-माल की हानि के साथ-साथ निचले स्तरों में जलजमाव, यातायात, बिजली सेवा बाधित एवं नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी की संभावनाओं को देखते हुए त्वरित रूप से आवश्यक कार्रवाई करने सभी पदाधिकारियों को अलर्ट रहने का निर्देश दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि बिहार ग्रीष्मकालीन समय में बाढ़-सुखाड़ से जूझते रहता है। एक विपदा खत्म भी नहीं होती कि दूसरी विपदा मुंह फैलाए खड़ी होती है। इसका बेहतरीन उदाहरण मानसून की दस्तक है जो यहां के जनजीवन को तहस-नहस करके रख देती है।
बिहार की अधिकांश आबादी गरीबी रेखा के नीचे गुजर-बसर करती है जो अपना जीवन यापन खेतीबारी, दैनिक मजदूरी, फुटकर दुकानदारी और छोटे-मोटे उद्योग धंधे चला करते हैं। किसान ग्रीष्मकालीन सुखाड़ अप्रैल-मई-जून में चिंतित रहते हैं तो मानसून इनके उम्मीदों पर खड़े उतरने के बजाय अत्याधिक बारिश के साथ पानी फेरते देते हैं। गली, मुहल्ले, नाले सड़कों की स्थिति किसी से छुपी नहीं है जो इस मानसूनी ज्वर में ऐसी हो जाती है कि चलने लायक भी नहीं होती है। जिससे आमजनों की स्थिति काफी दयनीय हो जाती है।
फिलहाल दो दिन से हो रही बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। गरीब, मजदूर और किसान परेशान हो गए हैं। लेकिन धान का बिचड़ा गिरने की तैयारी शुरू हो गई है। नल-जल और सीवरेज योजना के कारण गांव से लेकर शहर तक की बदहाल सड़कें लोगों को रुला रही है। सड़क टूटी होने के कारण घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। हालांकि सबसे बड़ी राहत की बात है कि लोगों को भीषण उमस भरी गर्मी से राहत मिल गई है।

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