बिहार में सिपाही भर्ती परीक्षा को रद्द कर दिया गया है। सरकार के इस फैसले को लेकर बिहार की सियासत गर्म हो गई है। विपक्षी दल सीधे सीधे इसे सरकार की नाकामी का नतीजा बता रहे हैं।
दरअसल एक अक्टूबर को सिपाही भर्ती परीक्षा हुई थी। इसमें पेपर लीक होने के कारण परीक्षा को रद्द कर दिया गया। जिसे लेकर भाजपा बिहार सरकार पर हमलावर है। नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने इसके लिए केंद्रीय चयन पर्षद के अध्यक्ष एस के सिंघल को आरोपी बताते हुए उन्हें बर्खास्त करने की मांग की है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता आरसीपी सिंह ने पुलिस भर्ती परीक्षा रद्द होने पर सरकार पर हमला बोला है। आरसीपी सिंह ने कहा है कि किसी भी परीक्षा का पेपर लीक होने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए शर्म की बात है।
नीतीश कुमार न सिर्फ बिहार के मुख्यमंत्री हैं बल्कि बिहार के गृह मंत्री भी हैं। ऐसे में पुलिस विभाग की परीक्षा का पेपर लीक होना उनके लिए काफी शर्मिंदगी की बात है। बिहार के 23 हजार से अधिक बेरोजगार बच्चों को नौकरी मिलने वाली थी।
बेरोजगार बच्चे सालों भर तैयारी करते हैं और बाद में परीक्षा रद्द हो जाती है। आखिर राज्य सरकार की क्या व्यवस्था है कि परीक्षा का पेपर लीक हो जाता है। उन्होंने कहा कि आज बिहार में पुलिस भर्ती का हेड पूर्व डीजीपी हैं।
एसके सिंघल को नीतीश कुमार ने ही एक्सटेंशन दिया था। कैसे कैसे लोगों को पद दिया गया है, इसको समझने की जरुरत है। बिहार में जितनी भी परीक्षा हो रही हैं, सभी का पेपर लीक हो रहा है। इससे स्पष्ट है कि बिहार में जितनी भी नौकरियों के विज्ञापन निकल रहे हैं सब बेचे जा रहे हैं।
नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि सिपाही भर्ती परीक्षा रद्द होने के पश्चात अब सरकार के बहाली के सिस्टम औऱ उससे जुड़े लोगों पर राज्य की जनता संदेह की दृष्टि से देख रही है। केंद्रीय चयन पर्षद के अध्यक्ष एस के सिंघल खुद दागी हैं।
इस परीक्षा में सुनियोजित ढंग से गड़बड़ी कराई गई। अभ्यर्थियों ने मुझे पेपर लीक होने की सूचना दी।हमने मीडिया के माध्यम से जाँच कराने हेतु सरकार से आग्रह किया।सिंघल अंतिम समय तक कह रहे थे कि कोई गड़बड़ी नहीं हुई। खैर सरकार को इसमें गड़बड़ी का एहसास हुआ जब आर्थिक अपराध की जाँच में इसका खुलासा हुआ और फिर परीक्षा रद्द हुई।
नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि अब बड़ा प्रश्न है कि सिंघल को सरकार आरोपी मानते हुए पद से बर्खास्त क्यों नहीं कर रही है। हमारी मांग है इन्हें अबिलम्ब हटाया जाए। दूसरा महत्वपूर्ण विषय है कि BPSC, SSC, सहित अन्य परीक्षा में गड़बड़ी पाए जाने पर परीक्षा तो रदद् हुई पर किसी पर कार्रवाई नहीं हुई?
इसकी जांच कर कार्रवाई हो। पूरे मामले में सरकार की संलिप्तता है इसलिए कार्रवाई नहीं होती है। उन्होंने कहा कि सरकार बिहार के युवाओं की प्रतिभा का हनन करना बंद करें। इसमें संलिप्त अधिकारियों व विभागों के पदाधिकारियों पर नकेल कस पूरे प्रकरण की जांच सीबीआई या सिटिंग जज से कराये।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता आरसीपी सिंह ने कहा, नीतीश कुमार की औकात नहीं है कि इसके पीछे जो लोग हैं उन्हे जेल में डाल सकें। किसको किसको जेल में डालेंगे, वे खुद तो गृह मंत्री हैं।
नीतीश को कुमार को एक मिनट भी मुख्यमंत्री के पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है। वहीं बिहार में लगातार बढ़ रहे आपराधिक वारदातों को लेकर आरसीपी सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला।
आरसीपी ने कहा कि 2005-10 में कितनी शांति थी और बिहार में कानून का राज था। किसी को हिम्मत नहीं थी कि वह किसी को गोली मार दे लेकिन आज तो दिनदहाड़े लोगों को गोली मारी जा रही है। ये सब इसलिए हो रहा है क्योंकि बिहार सरकार का इकबाल खत्म हो चुका है। बिहार में अपराधी नहीं बल्कि आम लोग कानून से डरते हैं।