Train Derailment: औरंगाबाद की शांत रात में अचानक रेलवे ट्रैक पर खामोशी चीख उठी, जब एक मालगाड़ी के पहियों ने पटरी से अपना रिश्ता तोड़ दिया। यह हादसा न सिर्फ देर रात की नींद उड़ा गया, बल्कि रेलवे सुरक्षा पर भी सवाल खड़े कर गया।
औरंगाबाद में Train Derailment: कैसे और कब हुआ हादसा?
बिहार के औरंगाबाद जिले में फेसर स्टेशन के समीप मंगलवार देर रात एक बड़ा हादसा होते-होते बचा। रात 11 बजकर 55 मिनट पर एक मालगाड़ी डाउन मेन लाइन से लूप लाइन में प्रवेश कर रही थी। इसी दौरान मालगाड़ी के पीछे की तीन बोगियां अचानक पटरी से उतर गईं। इस घटना से रेलवे कर्मचारियों और स्थानीय लोगों में हड़कंप मच गया। गनीमत रही कि यह एक मालगाड़ी थी, जिससे किसी भी जानमाल का नुकसान नहीं हुआ। यह घटना रेलवे सुरक्षा मानकों पर एक बार फिर विचार करने पर विवश करती है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
पटरी से ट्रेन के उतरने की खबर मिलते ही तत्काल रेलवे के उच्चाधिकारी और स्थानीय प्रशासन के लोग मौके पर पहुंच गए। रेलवे ट्रैक से बोगियों को हटाने और लाइन को ठीक करने का काम युद्धस्तर पर शुरू किया गया। घटना के कारण कुछ समय के लिए इस रूट पर रेल परिचालन प्रभावित हुआ। हालांकि, रेलवे ने दावा किया कि वे जल्द से जल्द स्थिति को सामान्य करने में लगे हैं। जांच टीम ने घटना स्थल का मुआयना किया और इस पूरे Train Derailment के कारणों का पता लगाने के लिए गहन जांच शुरू कर दी गई है। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, तकनीकी खराबी या मानवीय त्रुटि, दोनों ही पहलुओं पर गौर किया जा रहा है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। रेलवे अधिकारी इस बात की पुष्टि करने में जुटे हैं कि आखिर क्या वजह रही जिससे इतनी रात को यह हादसा हुआ। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
रेलवे प्रशासन की त्वरित कार्रवाई
हादसे के तुरंत बाद, आसपास के स्टेशनों पर अलर्ट जारी कर दिया गया। रेलवे सूत्रों के अनुसार, ट्रैक को दोबारा चालू करने के लिए कई टीमें लगाई गई थीं। घंटों की मशक्कत के बाद, तीनों बोगियों को पटरी पर लाने और ट्रैक को दुरुस्त करने का काम आंशिक रूप से सफल हो पाया। इस घटना से मालगाड़ियों की आवाजाही पर अस्थायी असर पड़ा, लेकिन यात्रियों को ले जाने वाली ट्रेनों पर इसका कोई बड़ा प्रभाव नहीं पड़ा। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। रेलवे सुरक्षा एक अत्यंत महत्वपूर्ण विषय है और ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति रोकने के लिए ठोस कदम उठाना अनिवार्य है। भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए रेलवे को अपनी निगरानी और रखरखाव प्रणाली को और मजबूत करने की आवश्यकता है।




