मुजफ्फरपुर में बाबा रामदेव के खिलाफ सीजेएम कोर्ट में परिवाद दायर कराया (Complaint filed against Ramdev in Muzaffarpur court) गया है। महिलाओं के कपड़ों को लेकर बाबा रामदेव के दिए गए बयान के बाद मुजफ्फरपुर के पक्की सराय चौक निवासी एन राजू नैयर ने सीजेएम कोर्ट में बाबा रामदेव के खिलाफ परिवार दायर किया है।
इधर, उधमपुर में महिलाओं को लेकर की गई अभद्र टिप्पणी के विरोध में शहरवासियों ने सलाथिया चौक इलाके में बाबा रामदेव के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि बाबा रामदेव जैसे योग गुरु से इस तरह की टिप्पणी की उम्मीद नहीं लगाई जा सकती। उन्होंने मांग की कि बाबा रामदेव इसके लिए सार्वजनिक रूप में माफी मांगें, और अपने शब्द वापस लेने का ऐलान करें। पढ़िए पूरी खबर
जानकारी के अनुसार,मुजफ्फरपुर के पक्की सराय चौक रहने वाले एन राजू नैयर बाबा रामदेव के खिलाफ सीजेएम कोर्ट परिओवाद दायर किया है। उन्होंने महिलों के अपमान करने का आरोप बाबा राम देव पर लगाया है। कोर ने परिवाद को स्वीकृति देते हुए सुनवाई के लिए 7 दिसंबर को तारीख को निर्धारित किया है।
राजू ने आरोप लगाया है कि बाबा रामदेव ने महिलाओं का अपमान किया है। यह भारतीय संस्कृति और पूरी महिला समाज को अपमान है। कोर्ट ने परिवाद को स्वीकृत करते हुए सुनवाई के लिए सात दिसंबर की तिथि निर्धारित की है।
दरअसल बाबा राम देव वाले कार्यक्रम में शामिल होने वाली सभी महिलाओं को साडी पहन के शामिल होना था। पर समय के आभाव के कारण वो ऐसा नहीं कर सकी। इसी बारे में बाबा रामदेव ने ऐसा बयान दे दिया कि की सभी दंग रहा गए। बाबा रामदेव ने में दिया कि महिलाएं साड़ी पहने या सलवार पहने दोनों में अच्छी लगती हैं।
इसके बाद उन्होंने कहा कि यदि महिलाएं कुछ ना भी पहने तो भी अच्छी लगाती हैं। बता दें कि इस दौरान बाबा रामदेव के बगल में महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेन्द्र फंद्विस की पत्नी भी बैठी थी। उनके इसी बयान को लेकर विवाद बढ़ गया।
वहीं, उधमपुर में समाजसेवी सोमराज कुंडल के नेतृत्व में शहरवासियों ने बाबा रामदेव के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शन के दौरान सिराज दीन, शिव कुमार, राम लाल भगत, संजय कुमार, आदि ने कहा कि योग गुरु के देश-विदेश में करोड़ों अनुयायी हैं।
कई लोग उनके बताए मार्ग पर चल कर जीवन व्यतीत कर रहे हैं। लेकिन, महिलाओं के पहनावे को लेकर बाबा की एक अभद्र टिप्पणी ने उनकी मानसिकता को दर्शा दिया है। इससे करोड़ों लोगों की उम्मीदों को ठेस पहुंची है। बाबा रामदेव की टिप्पणी हिंदू संस्कृति विरोधी है।