कभी-कभी प्रशासनिक डंडा अस्पताल की सुस्त नब्ज में भी जान भर देता है। बेगूसराय के सदर अस्पताल में कुछ ऐसा ही नजारा दिखा जब अचानक जिले के सबसे बड़े अधिकारी ने दस्तक दी। Begusarai News: जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री ने सोमवार को सदर अस्पताल का औचक निरीक्षण कर स्वास्थ्य व्यवस्था का विस्तृत जायजा लिया, जिससे अस्पताल प्रबंधन में हड़कंप मच गया।
Begusarai News: सदर अस्पताल में DM की ‘ऑपरेशन क्लीन’
जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री का यह दौरा सिर्फ एक औपचारिक निरीक्षण नहीं था, बल्कि यह जमीनी हकीकत को परखने और स्वास्थ्य सेवाओं को पटरी पर लाने की एक गंभीर पहल थी। उन्होंने अस्पताल के विभिन्न विभागों का गहन मुआयना किया, जिसमें इमरजेंसी वार्ड, सामान्य वार्ड, दवा वितरण केंद्र और साफ-सफाई व्यवस्था प्रमुख थे। सूत्रों के अनुसार, जिलाधिकारी ने कई अनियमितताओं को लेकर गहरी नाराजगी व्यक्त की और संबंधित अधिकारियों को तत्काल सुधार के निर्देश दिए। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। उन्होंने मरीजों से भी सीधा संवाद स्थापित किया और उनकी समस्याओं को सुना, जिससे मरीजों में उम्मीद की एक नई किरण जगी।
निरीक्षण के दौरान, जिलाधिकारी ने डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की उपस्थिति पंजी की भी जांच की, जिसमें कुछ कर्मियों की अनुपस्थिति पर उन्होंने स्पष्टीकरण मांगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि मरीजों को बेहतर सुविधाएँ मिलें, इसके लिए सभी डॉक्टरों और स्टाफ को अपनी ड्यूटी पूरी ईमानदारी और निष्ठा से निभानी होगी। विशेष रूप से, उन्होंने अस्पताल में दवाओं की उपलब्धता और उनके सही वितरण तंत्र पर विशेष ध्यान देने को कहा ताकि किसी भी मरीज को बाहर से दवा न खरीदनी पड़े।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। अस्पताल प्रशासन को हर हाल में मरीजों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करानी होगी। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
यह स्पष्ट संदेश था कि जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
अस्पताल की व्यवस्थाओं पर DM की पैनी नजर
श्रीकांत शास्त्री ने अस्पताल परिसर में साफ-सफाई की स्थिति को अत्यंत चिंताजनक बताया और सफाई कर्मियों को तुरंत व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अस्पताल का स्वच्छ वातावरण ही मरीजों के शीघ्र स्वस्थ होने में सहायक होता है। उन्होंने सिविल सर्जन को निर्देश दिया कि वे नियमित रूप से अस्पताल का निरीक्षण करें और जिलाधिकारी द्वारा दिए गए निर्देशों का शत-प्रतिशत पालन सुनिश्चित करें। साथ ही, उन्होंने ऑक्सीजन प्लांट और बिजली आपूर्ति व्यवस्था का भी जायजा लिया और यह सुनिश्चित करने को कहा कि किसी भी स्थिति में मरीजों को परेशानी न हो। जिलाधिकारी ने चेतावनी दी कि यदि भविष्य में ऐसी लापरवाही पाई गई, तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस औचक निरीक्षण से अस्पताल प्रबंधन में खलबली मची हुई है और सभी विभाग युद्धस्तर पर व्यवस्थाओं को सुधारने में जुट गए हैं। स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।




