Bhagalpur Encroachment News: एक तरफ विकास की राह, दूसरी ओर आशियाने उजड़ने का दर्द। जब प्रशासन का बुलडोजर चलता है, तो सिर्फ अवैध निर्माण नहीं, उम्मीदें भी टूटती हैं। भागलपुर में कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला, जहां सालों से बसे परिवारों पर कानून का शिकंजा कस गया।
भागलपुर अतिक्रमण न्यूज़: बुलडोजर गरजने से मचा हड़कंप, विरोध में सड़क पर उतरे लोग
भागलपुर अतिक्रमण न्यूज़: नारायणपुर और कहलगांव में चला अभियान
बिहार के भागलपुर जिले के दो प्रमुख प्रखंडों नारायणपुर और कहलगांव में प्रशासन ने एक साथ बड़ा अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया। इस दौरान पुलिस को अतिक्रमणकारियों के कड़े विरोध का सामना भी करना पड़ा। करीब पांच घंटे तक चली इस कार्रवाई में 50 से अधिक झोपड़ियों और अस्थायी निर्माणों को ध्वस्त कर दिया गया। नारायणपुर में गुस्साए लोगों ने खगड़िया को जोड़ने वाली जीएन बांध सड़क पर उतरकर आगजनी की, जिससे कुछ देर के लिए यातायात बुरी तरह प्रभावित रहा। बाद में पुलिस के समझाने-बुझाने पर स्थिति को शांत किया जा सका। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
नारायणपुर में सबसे अधिक घरनुमा झोपड़ियों को हटाया गया। जिला प्रशासन की टीम बुलडोजर लेकर मौके पर पहुंची थी। सरकारी और रेलवे भूमि से अवैध कब्जे हटाने के लिए प्रशासन और रेलवे की संयुक्त कार्रवाई देखने को मिली। कहलगांव प्रखंड के बंशीपुर पंचायत स्थित शिव मंदिर के पास भी बिहार सरकार की भूमि पर बने दर्जनों कच्चे और पक्के मकानों को अंचलाधिकारी सुप्रिया के नेतृत्व में अतिक्रमण मुक्त कराया गया।
बुलडोजर की कार्रवाई देखने के लिए ग्रामीणों की भारी भीड़ जमा थी। किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। दंडाधिकारी नीतीश शर्मा सहित जिला और स्थानीय पुलिस बल की मौजूदगी में यह अभियान शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ। प्रशासन ने अतिक्रमणकारियों को पहले ही नोटिस देकर पर्याप्त समय दिया था, लेकिन इसके बावजूद अतिक्रमण नहीं हटाने पर यह सख्त कदम उठाया गया। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
इसी बीच, नारायणपुर में रेलवे प्रशासन ने भी अपनी जमीन से अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया। मधुरापुर रेलवे ढाला के दक्षिणी भाग से गैस एजेंसी तक रेलवे भूमि पर बनी लगभग 50 झुग्गी-झोपड़ियों और अस्थायी संरचनाओं को ध्वस्त किया गया। इस दौरान अतिक्रमणकारियों में अफरा-तफरी का माहौल रहा। कुछ जगहों पर विरोध का प्रयास भी हुआ, और लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया। बाद में उन्होंने अपने कुछ सामान सड़क पर जलाकर विरोध जताया। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
हालांकि, रेल प्रशासन की पुख्ता तैयारी के सामने विरोध टिक नहीं सका। रेलवे ने 10 दिन पहले ही अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी कर सूचित किया था। समय रहते अतिक्रमण नहीं हटाने पर यह सख्त कार्रवाई की गई। रेलवे की इस कार्रवाई में आरपीएफ, रेलवे अधिकारी, स्थानीय प्रशासन और बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद था। मौके पर नारायणपुर अंचलाधिकारी विशाल अग्रवाल और भवानीपुर थानाध्यक्ष शंभू कुमार सहित पुरुष एवं महिला पुलिस बल तैनात थे।
## बेघर हुए परिवारों की अपील: पहले पुनर्वास, फिर बेदखली
अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के बाद विस्थापित हुए परिवारों ने अपनी व्यथा व्यक्त की। एक भूमिहीन परिवार के सदस्य ने कहा, ‘हमने जिला प्रशासन से पहले भी मांग की थी कि हम लोग भूमिहीन परिवार हैं और यहां ढाई सौ लोग 40 वर्षों से रहते हैं। इस भीषण शीतलहर में हमारा आशियाना उजाड़ दिया गया है। हम इस ठंड में कहां जाएंगे? जिला प्रशासन और बिहार सरकार से हमारी मांग है कि पहले हमें पुनर्वास कराया जाए, फिर हमें यहां से भगाया जाए।’ उन्होंने आगे कहा कि ‘ढाई सौ की संख्या में परिवार यहां पर रहते हैं। अगर सरकार हमारी बात नहीं मानेगी तो हम सरकार के विरुद्ध सड़कों पर उतरेंगे।’

