back to top
⮜ शहर चुनें
दिसम्बर, 29, 2025

Bhagalpur News: ‘हमारी जमीन कहां है?’ – गंगा कटाव पीड़ितों ने छेड़ी पुनर्वास की लड़ाई आर-पार

spot_img
spot_img
- Advertisement - Advertisement

गंगा की लहरों पर टूटी तकदीरें, उम्मीदों के रेत पर टिकी जिंदगी। वर्षों से चल रहा संघर्ष अब मांग बन चुका है। हक की लड़ाई लड़ने को विस्थापित एकजुट हुए। Bhagalpur News: भागलपुर में गंगा कटाव से विस्थापित हुए लोगों ने रविवार को एक बैठक करके अपनी आवाज बुलंद की और पुनर्वास के लिए जमीन की मांग रखी।

- Advertisement -

भागलपुर न्यूज़: ‘हमारी जमीन कहां है?’ – गंगा कटाव पीड़ितों ने छेड़ी पुनर्वास की आर-पार की लड़ाई

- Advertisement -

Bhagalpur News: विस्थापितों की दशकों पुरानी पीड़ा और सरकारी उदासीनता

- Advertisement -

भागलपुर में गंगा नदी के लगातार कटाव ने सैकड़ों परिवारों को बेघर कर दिया है। ये परिवार पिछले 15 सालों से न्याय और अपने हक की तलाश में दर-दर भटक रहे हैं। रविवार को बीएमसी मकतब परिसर में इन विस्थापितों ने एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया, जिसमें सर्वसम्मति से पुनर्वास के लिए जमीन उपलब्ध कराने की मांग की गई।

इस बैठक में मु शमशाद अली, साजदा खातून, चंद्रकला देवी, नीतू देवी, मु औरंगजेब, जमीला खातून, शहनाज खातून, मेहरूनिशा खातून, जियाउल हक, खुशबू देवी, इब्राहिम अली और शीतला खातून जैसे अनेक प्रभावित परिवारों के सदस्यों ने अपनी व्यथा सुनाई। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। उन्होंने बताया कि किस प्रकार भारत सरकार द्वारा रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाकर लोगों को विस्थापित किया जा रहा है, लेकिन उनके लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है।

बैठक में मौजूद लोगों ने स्पष्ट रूप से कहा कि जब सरकार रेलवे की जमीन खाली करवा रही है, तो उनकी जिम्मेदारी बनती है कि इन विस्थापितों के लिए पुनर्वास की ठोस योजना भी बनाए। वर्षों से झेल रहे इस विस्थापन के दर्द को अब और बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पुनर्वास की मांग को लेकर सभी एकमत थे। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।

पुनर्वास की मांग, सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटते विस्थापित

यह भी पढ़ें:  भागलपुर के सन्हौला में शराब तस्करों पर गाज, 20 लीटर देसी, बाइक जब्त, तस्कर फरार

विस्थापितों का कहना है कि वे पिछले पंद्रह सालों से लगातार विभिन्न सरकारी कार्यालयों का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। अधिकारियों की उदासीनता और सरकार की धीमी गति के कारण हजारों परिवार खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं। उनका सीधा सवाल है कि अतिक्रमण हटाने से पहले बिहार सरकार को चाहिए कि पुनर्वास के लिए इन विस्थापितों को जमीन उपलब्ध करवाए। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें: https://deshajtimes.com/news/national/

यह भी पढ़ें:  Football Tournament: जमालपुर में 'फ़ुटबॉल टूर्नामेंट' का रोमांच, विजेता एफसी मुड़माला पर इनामों की बारिश, MLA मो. ताजुद्दीन ने जानिए क्या कहा

समुदाय के प्रतिनिधियों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो वे बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। उनका कहना है कि वे अपने बच्चों और भविष्य के लिए इस लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाएंगे। यह केवल जमीन का मामला नहीं, बल्कि सम्मान और गरिमा से जीने का अधिकार है।

- Advertisement -

जरूर पढ़ें

ओटीटी रिलीज: इन फिल्मों ने दिसंबर के आखिरी हफ्ते में मचाया धमाल, ‘थामा’ बनी नंबर वन!

OTT Release News: सिनेमा के शौकीनों के लिए हर हफ्ता नए उत्साह और नई...

Islamic scientific thought: मुस्लिम उम्मत की तरक्की का मार्ग वैज्ञानिक चिंतन और इस्लामी शिक्षाओं में

Islamic scientific thought: समय की नदी में गोता लगाकर जब हम अपने वर्तमान का...

Mahindra SUV 2025: महिंद्रा की नई एसयूवी धमाकेदार एंट्री के लिए तैयार!

Mahindra SUV 2025 Mahindra SUV 2025: यदि आप एक दमदार और भविष्य की एसयूवी की...

ब्रेकिंग बिहार: BPSC AEDO Exam स्थगित, नई तारीखों का होगा ऐलान, छात्रों में असमंजस!

BPSC AEDO Exam: बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) द्वारा सहायक शिक्षा विकास पदाधिकारी (AEDO)...
error: कॉपी नहीं, शेयर करें