Land Records Bhagalpur: जैसे किसी कुशल वैद्य की नज़र मरीज़ की नब्ज़ पर होती है, वैसे ही राजस्व व्यवस्था की धड़कनें परखने प्रधान सचिव खुद भागलपुर पहुँचे हैं। व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाने और जनता की पीड़ा हरने की कवायद तेज हो गई है।
Land Records Bhagalpur: प्रधान सचिव ने राजस्व मामलों की गहन समीक्षा की
भागलपुर, 25 दिसंबर 2025: समीक्षा भवन में बिहार राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के प्रधान सचिव श्री सी.के. अनिल की अध्यक्षता में विभाग के विभिन्न पैमानों पर गहन समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक का शुभारंभ प्रधान सचिव और जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी द्वारा दीप प्रज्वलन से हुआ। जिलाधिकारी ने प्रधान सचिव का पौधा और स्मृति चिन्ह भेंट कर भागलपुर की पावन धरती पर हार्दिक अभिनंदन किया, आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
जिलाधिकारी ने एक विस्तृत पीपीटी प्रस्तुति के माध्यम से बताया कि भागलपुर में दाखिल खारिज के आवेदनों के निष्पादन की स्थिति संतोषजनक है। हालांकि, 75 दिनों से अधिक के 1716 मामले और 35 दिनों से अधिक के 1575 मामले अभी भी लंबित हैं, जिन्हें अंचलाधिकारियों द्वारा दो से तीन दिनों में निष्पादित कर दिया जाएगा। प्रधान सचिव ने सभी अंचलाधिकारियों को विशेष रूप से निर्देशित किया कि अनुसूचित जाति/जनजाति, विधवाओं और गंभीर बीमारी से ग्रस्त आवेदकों के मामलों का निष्पादन नियमों का पालन करते हुए तीव्र गति से किया जाए।
परिमार्जन प्लस की समीक्षा में 5632 मामले शेष पाए गए। इसके अतिरिक्त, परिमार्जन प्लस लेफ्ट आउट जमाबंदी, ई-मापी, अभियान बसेरा-2, राजस्व अभियान और राजस्व महा अभियान की समीक्षा की गई। इस दौरान निर्देश दिए गए कि नए डिप्लोमाधारी अमीनों को पुराने अमीनों के साथ सहायक अमीन के रूप में रखा जाए, ताकि वे अमानत का कार्य कुशलतापूर्वक सीख सकें। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
सरकारी भूमि की सुरक्षा और अतिक्रमण मुक्ति पर जोर
राजस्व अभियान के तहत 31 दिसंबर से पहले शत-प्रतिशत प्रतियों की स्कैनिंग पूरी करने का निर्देश दिया गया। प्रधान सचिव ने यह भी बताया कि 20 दिसंबर से भूमि बंटवारे के मामलों को भी राजस्व महा अभियान के अंतर्गत अनुमति दे दी गई है, जिससे भूमि विवाद के निपटारे में तेज़ी आएगी। बैठक में डीसीएलआर और अपर समाहर्ता कोर्ट में भूमि से संबंधित लंबित मामलों की भी समीक्षा की गई।
एलपीसी, आधार सीडिंग और सरकारी जमीन के दाखिल खारिज की समीक्षा के दौरान, सभी सरकारी भूमियों जिनका म्यूटेशन अब तक नहीं हो पाया है, उनका म्यूटेशन 90 दिनों के भीतर पूरा करने का निर्देश दिया गया। प्रधान सचिव ने स्पष्ट कहा कि सरकारी भूमि की खोज कर हल्कावार लैंड बैंक बनाया जाए, आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। जहाँ भी 05 एकड़ से अधिक सरकारी जमीन है, उन्हें चिन्हित कर निकाला जाए।
गैर मजरूआ आम, गैर मजरूआ खास और कैसरे हिंद जैसी जमीनों को नक्शे में अमीन से चिह्नित करवाया जाए, ताकि सरकार की जमीन कहाँ-कहाँ है, इसका सटीक पता चल सके और उसका उचित उपयोग किया जा सके। सभी अंचलाधिकारियों को 14 जनवरी 2026 तक सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त करने के निर्देश दिए गए। यह पहल कई भूमि विवादों को स्थायी रूप से हल करने में सहायक होगी।
उन्होंने यह भी बताया कि नव वर्ष में माननीय मंत्री, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग सह उपमुख्यमंत्री द्वारा जन संवाद कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसकी तैयारी सभी अंचलाधिकारी कर लें। प्रधान सचिव ने जानकारी दी कि शहरी क्षेत्र में वंशावली निर्गत करने का अधिकार अंचलाधिकारी को तथा ग्रामीण क्षेत्र में सरपंच को दिया गया है। 01 जनवरी 2026 के पश्चात सभी प्रकार के भू-अभिलेख डिजिटल हस्ताक्षरयुक्त भू-अभिलेख पोर्टल के माध्यम से दिए जाएंगे, हस्तलिखित हस्ताक्षर द्वारा नहीं।
अंत में, उन्होंने सभी अंचलाधिकारियों को एक टीम की तरह काम करने और विभाग तथा सरकार की छवि को बनाए रखने का आह्वान किया। बैठक में सहायक समाहर्ता जतिन कुमार, अपर समाहर्ता राजस्व दिनेश राम, जिला बंदोबस्त पदाधिकारी अजय कुमार, संयुक्त निदेशक जनसंपर्क नागेंद्र कुमार गुप्त सहित सभी भूमि सुधार उपसमाहर्ता, अंचल अधिकारी और राजस्व अधिकारी उपस्थित थे।



